धरना-प्रदर्शन कर किसने जताया केन्द्र सरकार की नीतियों पर रोष
चित्तौड़गढ़Published: Jan 10, 2019 12:35:14 pm
केन्द्र सरकार की श्रमिकों से जुड़ी नीतियों के विरोध में ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रव्यापी दो दिवसीय आंदोलन का दूसरे दिन बुधवार को भी जिले में असर दिखा।
धरना-प्रदर्शन कर किसने जताया केन्द्र सरकार की नीतियों पर रोष
चित्तौडग़ढ़. केन्द्र सरकार की श्रमिकों से जुड़ी नीतियों के विरोध में ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रव्यापी दो दिवसीय आंदोलन का दूसरे दिन बुधवार को भी जिले में असर दिखा। सर्वाधिक असर डाकघर जैसे विभागों के कामकाज पर दिखा जहां अधिकतर कर्मचारी धरने पर रहे। विभिन्न श्रमिक संगठनों के सदस्यों ने कलक्ट्रेट पर धरना देकर भी केन्द्र सरकार की नीतियों को श्रमिक विरोधी बताते हुए रोष जताया। ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों ने कलक्ट्रेट चौराहे पर सभा में आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार श्रम विरोधी कानूनों को लागू करने का प्रयास कर रही है। इस दौरान बढ़ती मंहगाई पर रोक नही लगा पाने, पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस की बढ़ती दरों पर रोष जताने के साथ न्यूनतम मजदुरी 18 हजार करने की मांग भी की गई। श्रमिक संगठनों के बारह सूत्री मांग पत्र के संदर्भ मे जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन देने वालों में इन्टक.जिलाध्यक्ष विमलचन्द जैन, सीटू यूनियन के कालूराम सुथार,भंवरलाल शर्मा, नारायणलाल, तुलसीदार सनाढ्य सहित कई श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। इधर, डाक कर्मचारियों ने भी मुख्य डाकघर के बाहर धरना देने के बाद कलक्ट्रेट तक जुलूस भी निकाला। इसमें कर्मचारी सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए चल रहे थे। प्रधानमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर पुरानी पेंशन स्कीम फिर लागू करने, डाकघरों में ठेकादारी प्रथा को बंद करने, रिक्त पदों पर नई नियुक्तियां करने सहित कई मांग की गई। ज्ञापन देने वालों में अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ तृतीय श्रेणी, पोस्टमेन व चतुर्र्थ श्रेणी, नेशनल यूनियन ऑफ पोस्टल एम्पलॉयज तृतीय श्रेणी, अखिल भारतीय ईडी कर्मचरी संघ आदि के प्रतिनिधि भी शामिल थे।