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किसने कहा कि जीवन को सफलता की ओर ले जाता है धैर्य

locationचित्तौड़गढ़Published: Jul 26, 2019 10:36:20 pm

Submitted by:

Vijay Vijay

चित्तौडग़ढ़ जिले के निम्बाहेड़ा स्थित दिवाकर भवन में शुक्रवार को धर्मसभा में साध्वी डॉ. सुशील ने दैनिक दिनचर्या की चर्चा करते हुए कहा कि परमात्मा ने दो रास्ते दिखाए है, पहला रास्ता प्रात: समय पर उठकर मनचाहे सपने पूरे करना व दूसरा रास्ता सोते रहना और मनचाहे सपने देखना।

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किसने कहा कि जीवन को सफलता की ओर ले जाता है धैर्य

चित्तौडग़ढ़ जिले के निम्बाहेड़ा स्थित दिवाकर भवन में शुक्रवार को धर्मसभा में साध्वी डॉ. सुशील ने दैनिक दिनचर्या की चर्चा करते हुए कहा कि परमात्मा ने दो रास्ते दिखाए है, पहला रास्ता प्रात: समय पर उठकर मनचाहे सपने पूरे करना व दूसरा रास्ता सोते रहना और मनचाहे सपने देखना।
उन्होंने कहा कि अब यह सोचने की जरूरत है कि कोनसा रास्ता अपनाना है। उन्होंने ने कहा कि मानव स्वभाव बड़ा ही चंचल होता है, अगर उसकी इच्छाएं पूरी नहीं होती है तो क्रोध बढ़ जाता है और इच्छाएं पूरी हो जाती है तो लोभ की बढोतरी होती है, इसलिए जीवन की हर तरह की परिस्थिति में धैर्य बनाए रखना ही श्रेष्ठता है। धैर्य जीवन को प्रत्येक परिस्थिति में सफलता की ओर ले जाता है। प्रवचन के बाद सामूहिक एकाशन कर रही महिलाओं ने मां पद्मावती की कथा का श्रवण कर जाप किया। कथा का वाचन साध्वी श्रद्धा ने किया।
उन्होंने कहा कि द्रव्य सामायिक में उपकरणों का होना जरूरी है, किन्तु भाव सामायिक में भाव से जुड़ जाना ही सामायिक है।डॉ. सुशील ने कहा कि राग द्वेष मोह माया छल कपट कषाय से मुक्त होकर बाहर से अंदर तक जाना भाव सामायिक है, मुक्ति पाने के लिएकही जाने की जरूरत नहीं वो अपने स्वयं के हाथों में है। जिस प्रकार ममत्व हमें संसार से जोड़ता है वही समत्व हमे अध्यात्म की ओर ले जाता है, जिससे हम मुक्ति याने मोक्ष पथ पर अग्रसर हो पाते है, इसलिए ही शास्त्रों में प्रतिदिन सामायिक करने का विधान है। उन्होने बताया कि इस सामायिक से ही पुण्या श्रावक ने वीर गति को प्राप्त किया था। प्रवचन के अंत मे प्रभु सुमतिनाथ का जाप किया गया। धर्मसभा में भरतपुर, सवाईमाधोपुर, भदेसर, जयपुर आदि स्थानों के श्रद्धालु भी मौजूद थे।

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