scriptकिसने कहा दुनिया में भारतीय गोवंश की कद्र, घर में अनदेखी | Who said the value of the Indian bovine in the world, unseen at home | Patrika News

किसने कहा दुनिया में भारतीय गोवंश की कद्र, घर में अनदेखी

locationचित्तौड़गढ़Published: Jan 26, 2020 10:05:26 pm

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

-भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य शाह से बातचीत – देशी नस्ल के पशु संवर्धन के लिए विशेष पहल-हर कार्य के लिए केवल सरकार के भरोसे नहीं रह सकते

किसने कहा दुनिया में भारतीय गोवंश की कद्र, घर में अनदेखी

किसने कहा दुनिया में भारतीय गोवंश की कद्र, घर में अनदेखी


चित्तौडग़ढ़. दुनिया भारतीय गौवंश की कद्र करती रही और हमारी गिर गाय विदेशों में २५ लीटर तक दूध देती आई लेकिन हमारे घर में ही उनकी अनदेखी की गई और हम जर्सी जैसी विदेशी नस्लों पर भरोसा करते गए। इसके कारण ही हमारे यहां गौवंश को खतरा बढ़ा। ये बात भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य एवं समस्त महाजन संस्था के मैनेजिंग ट्रस्टी गिरीश जयंतिलाल शाह ने शनिवार को यहां पत्रिका से बातचीत में कहीं। उन्होंने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार का पशुपालन क्षेत्र पर खास फोकस है और देशी नस्ल के पशु संवर्धन के लिए विशेष पहल की गई है। उन्होंने कहा कि पशुपालकों को अपने हितों के प्रति जागरूक होना होगा और हमे भी उनका साथ देना होगा। हर कार्य के लिए केवल सरकार के भरोसे नहीं रह सकते है।
बूचडख़ाना जाने से रोकने के लिए जागरूकता जरूरी
उपयोगी नहीं रह गए गौवंश को बूचडख़ाना भेजने के बारे में शाह ने कहा कि इसके लिए हमारी जिम्मेदारी भी कम नहीं है। हम परिवार के किसी सदस्य को उपयोगी नहीं रहने पर घर से नहीं निकालते है तो फिर जिस गौवंश से हमने दूध लिया या खेतों में हल चलवाया उसे सक्षम नहीं रहने पर खुला क्यों छोड़ दिया जाता है। उन्होंने कहा कि समस्त महाजन संस्था गौपालन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है और इसके तहत गौशाला चलाने वालों को प्रोत्साहित किया जाता है।

शादी से पहले गौवंश के लिए भी निकले हिस्सा
शाह ने शादी से पहले गौवंश के लिए राशि निकालने संबंधी नवाचार के बारे में कहा कि हमारे यहां गौ पूजा की परम्परा है। जीव दया के सिद्धांत को ध्यान में रखकर दापंत्य सूत्र में बंधने जा रहे जोड़े को आशीर्वाद देने के लिए गौ सेवा अभियान से जोड़ा गया है। इसके तहत वर-वधू को गौ सेवा से जोड़ा जाएगा। संस्था के ट्रस्टी वापी निवासी देवेन्द्र जैन ने अपनी पुत्री की शादी से इसकी शुरूआत कर दी। इस अभियान को राजस्थान सहित देश के सभी क्षेत्रों में समग्र समाज में चलाने का प्रयास किया जाएगा।
जो उपलब्ध है गोचर भूमि उसका तो पूरा उपयोग हो
ग्रामीण क्षेत्र में गोचर भूमि पर अतिक्रमण होने की समस्या के बारे में शाह ने कहा कि इससे इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन जो गोचर भूमि सुरक्षित है उसका भी पूरा उपयोग नहीं हो रहा है। उपलब्ध गोचर भूमि भी गौवंश को मिल जाए तो उनकी सेवा हो सकती है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमित की गई गोचर भूमि को भी मुक्त कराया जाना चाहिए।
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