scriptगोशाला का हाल देखने क्यों पहुंच गए सभापति | Why did the chairman reach to see the condition of the cowshed | Patrika News

गोशाला का हाल देखने क्यों पहुंच गए सभापति

locationचित्तौड़गढ़Published: Oct 16, 2019 11:23:16 pm

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

चित्तौैड़ में गोशाला में गायों की मौत के बाद नगर परिषद सक्रियअन्य गोशालाओं में गायों की शिफ्टिंग हुई शुरू

गोशाला का हाल देखने क्यों पहुंच गए सभापति

गोशाला का हाल देखने क्यों पहुंच गए सभापति


चित्तौडग़ढ़. नगर परिषद की ओर से गांधी नगर मोक्षधाम के पीछे संचालित गोशाला में गायों की मौत के मामले को नगर परिषद प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। बीमार गांयों के उपचार के लिए चिकित्सकों की एक टीम गोशाला पहुंची। सभापति संदीप शर्मा एवं परिषद के अधिकारियों ने भी मौके पर पहुंच गोशाला की व्यवस्था देखी और वहां पर सुधार के निर्देश भी दिए।वहीं क्षमता से अधिक गोवंश के यहां होने से उन्हें अन्य गोशालाओं में शिफ्ट करने का काम भी शुरू हो गया। गोशाला की व्यवस्था निरंतर बनी रहे इसके लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया है।
राजस्थान पत्रिका ने १५ अक्टूबर के अंक में गांधीनगर गोशाला में गायों की मौत, चारे के भी पड़ रहे लाले शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर वहां व्याप्त अव्यवस्था को उजागर किया था। इसके बाद नगर परिषद प्रशासन हरकत में आया। सभापति संदीप शर्मा ने मंगलवार सुबह गांधीनगर स्थित गोशाला पहुंचे। शर्मा ने नगर परिषद के आयुक्त सूर्यप्रकाश संचेती, सहायक अभियन्ता मुनीर अली, राजस्व निरीक्षक मुकेश कुमार के साथ गोशाला का निरीक्षण किया। उन्होंने संवेदक को हिदायत देते हुए वहां की व्यवस्थाओं को सुधारने को कहा। राजस्व निरीक्षक की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया, यह समिति प्रतिदिन गोशाला का दौरा कर वहां पाई जाने वाली कमियों को तुरन्त सुधार करवायेगी। उन्होने गौशाला में क्षमता से अधिक गोवंश को आसपास की गोशाला में तुरन्त भिजवाये जाने के निर्देश दिये। इसके बाद वहां से मंगलवार को ही घटीयावली गोशाला में गोवंश को परिषद की ओर से स्थानान्तरित करने का काम भी शुरू हो गया।साथ ही गोवंश को प्रतिदिन हरा चारा उपलब्ध हो, इसके लिए भी संवेदक को निर्देश दिए। बाहर बैठने वाले चारा विक्रेताओं के लिए भी चारे की दर निर्धारित कर उसी दर से चारा विक्रय करवाने के निर्देश दिये।
बछड़ों के लिए बनेगा अलग ब्लॉक
बछडों की सुरक्षा के लिए अलग से ब्लॉक निर्धारित कर बछड़ों को वहां रखने के निर्देश दिये, तथा उस ब्लॉक पर लोहे के शेड लगाने के निर्देश दिय। वहां गो सेवकों की ओर से दिए गए सुझावों को सुना एवं उनके सुझाव के आधार पर गोवंश के लिए जो मेडिकल ब्लॉक बना हुआ है, उस पर छाया के लिए शेड लगाने के निर्देश दिये।
शुरू हुआ उपचार
बीमार गोवंश को लेकर प्रशासन की ओर से एक पशु चिकित्सक डॉ कारीलाल के नेतृत्व में एक टीम भी पहुंची और वहां पर बीमार गोवंश का उपचार भी शुरू किया।उन्होंने बीमार गोवंश की जांच की।
चारा भी डलवाया
सभापति संदीप शर्मा ने मंगलवार को गोशाला में पहुंचने के बाद मौके पर गायों के चारे पानी की व्यवस्था भी देखी। उन्होंने मौके पर खड़े होकर स्वयं चारा भी खिलाया। उन्होंने समाजिक संगठनों एवं शहरवासियों से भी सहयोग की अपील की।
300 गौवंश आश्रय के लिए 11 गौशालाओं को सुपुर्द
शहर में आवारा मवेशियों के कारण उत्पन्न समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए जिला कलक्टर चेतन देवड़ा की पहल रंग ला रही है। इसके अन्तर्गत शहर में विचरण करने वाले गौवंश को जिले की विभिन्न गौशालाओं में आश्रय के लिए भिजवाने का दौर आरंभ किया गया है। इसके प्रथम चरण में शहर से 300 गौवंश को जिले की विभिन्न 11 गौशालाओं में भिजवा दिया गया है जहाँ उन्हें आश्रय मिल रहा है। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार पंचोली ने बताया कि शहर से गौवंश को गौशालाओं में स्थानान्तरित करने की कार्रवाई हो रही है। इसके अन्तर्गत 300 गौवंश को गौशालाओं के सुपुर्द किया जा चुका है। इनमें महावीर गोपाल गौशाला संस्थान चिकारड़ाए डूंगला को 45 गौवंश, श्री राम गौशाला सिंहपुर कपासन को 35 गौवंश, बालाजी गौशाला राशमी को 20 गौवंश, श्री गौरक्षक सेवा समिति गौशाला बड़ी सादड़ी को 40 गौवंश,श्री गोपाल कृष्ण गौशाला समिति अनोपपुरा निम्बाहेड़ाए श्री गोपाल गौशाला चित्तौडग़ढ़ को एवं हनुमान गौशाला घटियावली चित्तौडग़ढ़ को 10-10 गौवंश,श्री बागेश्वर महादेव गौशाला चित्तौडग़ढ़ को 25 गौवंश, श्रीसांवलियाजी मंदिर मण्डल गौशाला मण्डपिया को सर्वाधिक 55 गौवंश तथा श्री कृष्ण गोपाल गौशाला प्रबन्ध समिति ऋषिमंगरी, माताजी की पाण्डोलीए चित्तौडग़ढ़ को 50 गौवंश आश्रय के लिए प्रदान की गई हैं।
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