चित्तौड़गढ़

तारीख की घोषणा से पहले ही क्यों बनने लगा चुनावी माहौल

– चित्तौैडग़ढ़, निम्बाहेड़ा व रावतभाटा में अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन- प्रशासन ने शुरू की नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां- विभिन्न कमेटियों का किया गया गठन

चित्तौड़गढ़Oct 18, 2019 / 10:54 pm

Nilesh Kumar Kathed

तारीख की घोषणा से पहले ही क्यों बनने लगा चुनावी माहौल


चित्तौैडग़ढ़. चित्तौडग़ढ़ जिले में नवंबर में प्रस्तावित नगरीय निकाय चुनावों के लिए तारीखों की घोषणा भले अभी नहीं हुई हो लेकिन शुक्रवार को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशन के साथ माहौल बनने लगा है। चित्तौडग़ढ़ नगर परिषद, निम्बाहेड़ा व रावतभाटा नगरपालिका बोर्ड के लिए चुनाव होने है। इनके लिए सम्बन्धित उपखण्ड अधिकारियों ने शुक्रवार को अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी। माना जा रहा है कि राज्य निर्वाचन विभाग अब कभी भी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। इधर, भाजपा ने निकाय चुनाव के लिए प्रभारी भी नियुक्त कर दिए है। प्रशासनिक स्तर पर भी चुनावी हलचल तेज हो गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव से पूर्व विभिन्न तैयारियों के लिए कमेटियों का गठन कर दिया है। अंतिम मतदाता सूची प्रकाशन के लिए दोपहर तक उपखण्ड अधिकारी कार्यालयों में हलचल रही। जयपुर से भी बार-बार इस बारे में सूचना मांगी जाती रही। इसके बावजूद शाम तक हालत ये थी कि चित्तौडग़ढ़ उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में नगर परिषद की अंतिम मतदाता सूची के बारे में जानकारी पाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही थी।

निगाह अब चेयरमैन की लॉटरी पर
नगरीय निकाय चुनावों में निकाय प्रमुख की लॉटरी रविवार को जयपुर में निकाले जाने की संभावना है। इस लॉटरी से ही ये तय होगा कि किस निकाय में किस वर्ग का व्यक्ति सभापति/अध्यक्ष बन सकेगा। पार्षद आरक्षण लॉटरी निकलने के बावजूद मुखिया के आरक्षण की लॉटरी नहीं निकलने से माहौल नहीं बन पा रहा था। माना जा रहा है कि जिस वर्ग के लिए निकाय प्रमुख का पद आरक्षित होगा उस वर्ग के राजनीतिक कार्यकर्ताओं की सक्रियता अधिक बढ़ सकती है।

सरकार के निर्र्णय से पार्षद पद के दावेदार आशंकित
राज्य सरकार के पहली बार नगरीय निकायों में सभापति/अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए पार्षद होना जरूरी नहीं रखने से राजनीतिक क्षेत्रों में हलचल है। इस निर्णय से पार्षद पद के दावेदार सर्वाधिक आशंकित है जो अपने वर्ग के लिए नगर निकाय मुखिया की आरक्षण लॉटरी निकल जाने पर उस पद का दावेदार मान रहे है। अब माना जा रहा है कि राजनीतिक दल चाहे तो गैर पार्षद को निकाय प्रमुख का चुनाव लड़ा सकेंगे ऐसे में पार्षद बन जाना ही इस बात की गारंटी नहीं रह जाएगा कि उनमें से ही कोई एक बोर्ड की कमान संभालेगा। इस निर्णय के बाद कांग्रेस व भाजपा में ये चर्चा है कि निकाय प्रमुख बनने के इच्छुक कुछ नेता पार्षद चुनाव नहीं लड़कर बोर्ड में पार्टी का बहुमत आने पर सीधे ही जोड़-तोड़कर उसका टिकट हासिल करने का प्रयास कर सकते है।

वीवीपेट नहीं होगी ईवीएम के साथ
पिछले विधानसभा व लोकसभा चुनाव में ईवीएम के साथ वीवीपेट का भी उपयोग किया गया था। नगरीय निकाय चुनाव में ईवीएम से तो मतदान होगा लेकिन साथ में वीवीपेट नहीं होगी। माना जा रहा ईवीएम मशीन में प्रत्याशी के फोटो भी नहीं होंगे। इस बारे में विस्तृत जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव कार्यक्रम घोषित होने पर देंगा।

Home / Chittorgarh / तारीख की घोषणा से पहले ही क्यों बनने लगा चुनावी माहौल

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.