रात 3 बजे तक किस लिए गूंजे जय गणेश के जयकारे
चित्तौड़गढ़Published: Sep 24, 2018 11:13:38 pm
अनंत चतुदर्शी पर शहर में निकाली गई मुख्य झांकियों के जुलूस की प्रतिमाओं का देर रात्रि ३ बजे से भी अधिक समय तक विसर्जन होता रहा।
रात 3 बजे तक किस लिए गूंजे जय गणेश के जयकारे
चित्तौडग़ढ़. अनंत चतुदर्शी पर शहर में निकाली गई मुख्य झांकियों के जुलूस की प्रतिमाओं का देर रात्रि ३ बजे से भी अधिक समय तक विसर्जन होता रहा। जब पहली झांकी नदी पर पहुंच गई तब आखिरी झांकी गोल प्याऊ के आसपास थी। गणपति महोत्सव के प्रति लोगों का उत्साह इस कदर था कि रात दो बजे तक गोलप्याऊ् से लेकर नेहरूबाजार के मध्य हजारों लोगों की भीड़ झांकियों के साथ थी और जय गणेश देवा और जयश्री राम के गगनभेदी जयकारे रात को दिन होने का अहसास करा रहे थे।
डीजे सांउड और रंग बिरंगी रोशनी के बीच निकाली झांकियों में कई विशाल प्रतिमाएं भी थी। नृत्य करते गणेशजी भी लोगों के आकर्षण का केन्द्र बने। रात ११ बजे बाद बारिश का दौर थमने से श्रद्धालुओं ने भी राहत की सांस ली। इससे झांकियों के जुलूस इसके बाद आराम से निकाले गए। रात दो, तीन बजे तक भी झांकियां और प्रतिमाओं का जल में विसर्जन देखने पुलिया पर लोगों की मौजूदगी थी। रात में गंभीरी बांध के गेट खुलने से नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन व पुलिस ने काफी ऐहतियात बरता। प्रतिमाओं को सुरक्षित लाकर लोगों को बढ़ते पानी से दूर रखा। रात में क्रम वार झांकियां सुसज्जित होकर चल रही थी। युवा जमकर नृत्य कर रहे थे। कई लोग परिवार सहित देर रात तक प्रतिमाओं के विसर्जन को देखने रूके रहे। नेहरू बाजार में सूचना केन्द्र के यहां चित्तौड़ महोत्सव समिति की ओर से सब्जी, पुड़ी के प्रसाद वितरण का कार्य रात दो बजे तक चला। आखिरी झांकी के कार्यकर्ताओं को दो बजे प्रसाद ग्रहण कराने के बाद झांकी के आगे चले जाने पर साफ सफाई कर प्रसादी वितरण का कार्य पूर्ण किया गया।
देर रात तक रहे जन प्रतिनिधि व पुलिस अधिकारी
जुलूस में शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने व नदी के जलस्तर से सुरक्षा को लेकर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी व पुलिस जाब्ता देर रात तक मुस्तैद रहा। इसी बीच विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, नगर परिषद सभापति सुशील शर्मा सहित कई जन प्रतिनिधि सहित कई शहरवासी देर रात तक बाजारों व नदी तट पर मौजूद थे।
झांकियों की ऊंची ज्यादा होने से काटनी पड़ी लाइन
विसर्जन शोभायात्रा में कुछ झांकियों की ऊंचाई ज्यादा होने से रात को विद्युत लाइन को काटकर उन्हें निकालना पड़ा। अजमेर विद्युत वितरण निगम के सहायक अभियंता (द्वितीय शहर) राकेश बसवाल ने बताया कि विद्युत लाइनों की अधिकतम ऊंचाई १७ फीट है लेकिन कई झांकियों की ऊंचाई २५-२७ फीट होने से झांकियों को तारों के नीचे से निकालने के लिए बार-बार सप्लाई बंद करने पड़ रही थी। लगातार बारिश होने व बलियां भी गिली हो गई जिससे करंट का खतरा भी था उसी के चलते रात को ढाई बजे सहकार सर्कल पर निकलने वालों तारों को काटना पड़ा था।