जिला पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल ने सुरक्षा प्रबंधों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले के 1507 मतदान केन्द्रों पर इस बार एक-एक पुलिस जवान उपस्थित रहेगा। कुछ महत्वपूर्ण बुथों पर हैड कॉस्टेबल स्तर के अधिकारी को लगाया जायेगा। जिले में 19 मतदान लोकेशन ऐसी है, जहाँ तीन-तीन मतदान केन्द्र है, ऐसे स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। चार मतदान केन्द्र लोकेशन ऐसी है, जहाँ चार-चार मतदान केन्द्र है, वहाँ भी विशेष व्यवस्था होगी। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में तीन-तीन विशेष पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति होगी, जो कि निरीक्षक या पुलिस उपाधीक्षक स्तर के होगे। हर विधानसभा में एक-एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पृथक से नियुक्त होगा।एरिया, सेक्टर मजिस्ट्रेट, सेक्टर पुलिस अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों से सम्पर्क में रहे एवं गड़बड़ी करने वालों की पहचान कर उन्हें पाबंद करें। मत देने के बाद मतदाताओं को मतदान केन्द्र में नही रूकने दे।
प्रशिक्षण प्रभारी विनय पाठक ने बताया कि इस बार निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार सेक्टर मजिस्ट्रेट के वाहनों पर जीपीएस की व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के जरिए आयोग एवं उच्चाधिकारी सेक्टर मजिस्ट्रेट के क्षेत्र में आवागमन पर नजर रख सकेंगे। इसके चलते अधिकारी अपने क्षेत्र से बाहर नहीं जा सकेंगे, ईवीएम तथा चुनाव सामग्री अनाधिकृत जगह पर नही रख सकेंगे। उन्होंने प्रशिक्षण स्थल पर लगाई गई दस्तावेजों, प्रपत्रों और लिफाफों की प्रदर्शनी देखने का भी आग्रह किया।
महिला एवं दिव्यांग मतदान अधिकारियों का प्रशिक्षण गुरूवार सुबह 10 बजे से जिला परिषद् के ग्रामीण विकास अभिकरण सभागार में होगा। प्रशिक्षण समन्वयक दिनेश शर्मा के अनुसार जिले के सभी पांचों विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक मतदान केन्द्र ऐसा होगा, जहाँ सभी मतदान अधिकारी के रूप में महिलाएं नियुक्त होगी। जिले में एक मतदान केन्द्र ऐसा होगा, जहां मतदान अधिकारियों के रूप में दिव्यांग अधिकारी/कर्मचारी नियुक्त होंगे।