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चित्तौड़गढ़

नौकर ने ही क्यों लुटवा दिया था सेठ का सोना

चित्तौडग़ढ जिले के निम्बाहेड़ा रेलवे स्टेशन के निकट बांद्रा-उदयपुर सुपरफास्ट ट्रेन से चार माह पूर्व पौने तीन करोड़ रूपए के सोने के आभूषण चुराने के मामले का खुलासा करते हुए रेलवे पुलिस ने स्वर्ण व्यवसायी के नौकर सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

चित्तौड़गढ़Apr 16, 2019 / 12:42 pm

Nilesh Kumar Kathed

chittorgarh

नौकर ने ही क्यों लुटवा दिया था सेठ का सोना



चित्तौडग़ढ. जिले के निम्बाहेड़ा रेलवे स्टेशन के निकट बांद्रा-उदयपुर सुपरफास्ट ट्रेन से चार माह पूर्व पौने तीन करोड़ रूपए के सोने के आभूषण चुराने के मामले का खुलासा करते हुए रेलवे पुलिस ने स्वर्ण व्यवसायी के नौकर सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में मुख्य आरोपी सहित तीन फरार आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने पुलिस को बताया कि पैसों की तंगी के चलते वह बहुत सारा पैसा कमाना चाहते थे और इसी लालच के चलते उन्होंने यह शॉर्टकट तरीका अपनाया।
जीआरपी उदयपुर के पुलिस उप अधीक्षक श्यामलाल मीणा ने बताया कि मुंबई के धनजी स्ट्रीट, जवेरी बाजार में सुरेन्द्रसिंह राठौड़ की यश गोल्ड नाम से दुकान है। राठौड़ के कर्मचारी नरेन्द्र कुमार छीपा व विपुल रावल दुकान से ८.४८ किलोग्राम सोने के आभूषण लेकर उदयपुर में सर्राफा व्यवसायियों को सप्लाई करने के लिए ६ जनवरी २०१९ को बान्द्रा-उदयपुर ट्रेन से रवाना हुए। सात जनवरी को तड़के करीब ५.४५ बजे ट्रेन निम्बाहेड़ा से चित्तौडग़ढ़ की तरफ रवाना हुई। करीब ५ मिनट बाद एक बदमाश नरेन्द्र के हाथ से बैग छीनकर चलती ट्रेन से कूद गया। अचानक हुई वारदात के बाद नरेन्द्र व उसके साथी विपुल ने चैन पुलिंग कर ट्रेन रुकवाई। उन्होंने ट्रेन में मौजूद आरपीएफ के जवानों को भी जानकारी दी। आस-पास लुटेरे की तलाश की, लेकिन कोई पता नहीं चला। बैग में दो मोबाइल, १८ हजार रुपए , जेवरात का वाउचर, दोनों युवकों के एफिडेविट, चालान बुक भी थी। इस संबंध में रेलवे थाना चित्तौडग़ढ़ में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (रेलवे) नीनासिंह व पुलिस अधीक्षक रेलवे पूजा अवाना के निर्देश पर टीम का गठन किया गया। मामले की जांच पुलिस उप अधीक्षक रेलवे उदयपुर श्यामलाल मीणा को सौंपी गई।
पैसों की तंगी से कर्मचारी ने ही करवाई वारदात
पुलिस पड़ताल में पता चला कि वारदात को अंजाम दिलवाने में सम्बन्धित फर्म का कर्मचारी भी शामिल है। पुलिस टीम ने मुबंई पहुंच यश गोल्ड के कर्मचारी पाली जिले के फालना थानान्तर्गत खुड़ला गांव में रहने वाले दिनेश कुमार (२२) पुत्र मगाराम चौधरी तथा पालघर मुंबई की एक दुकान में काम करने वाले पाली जिले के बाली थानान्तर्गत सेवाड़ी गांव के नरपत कुमार माली (२४) पुत्र देवाराम माली को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। पूछताछ में दोनों ने वारदात को अंजाम दिलवाना स्वीकार कर लिया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भिजवा दिया।
ऐसे दिया घर का भेद
आरोपी दिनेश को पता था कि यश गोल्ड कंपनी से कब और किस शहर में कौनसी ट्रेन से कर्मचारी सोने के आभूषण लेकर जाते हैं। उसने अपने दोस्त नरपत माली को बताया कि छह जनवरी को बांद्रा-उदयपुर एक्सप्रेस के कोच संख्या एस-४ में कंपनी का विपुल रावल व नरेन्द्र कुमार आभूषण लेकर उदयपुर जाएंगे। नरपत माली ने वारदात को अंजाम दिलवाने के लिए यह जानकारी अपने दोस्त पाली जिले के देसूरी निवासी और हाल इसी जिले के सेवाड़ी गांव में रहने वाले दीपक जोशी उर्फ दीपिया को दे दी। दीपक ने अपने पांच-सात साथियों के साथ मिलकर चलती ट्रेन में वारदात को अंजाम दे दिया व पौने तीन करोड़ के आभूषण चुराकर फरार हो गया।
आबूरोड़ में दबिश, महिला मित्र के घर मिले आभूषण
पुलिस टीम ने मुख्य आरोपी दीपक जोशी की महिला मित्र के आबूरोड़ में गांधी नगर स्थित मकान पर दबिश दी, जहां से दीपक जोशी अपनी कार सहित भाग छूटा। पुलिस ने मकान की तलाशी ली तो वहां चोरी गए आभूषण में से कुछ गहनें, महाराष्ट्र नंबर की एक कार और वारदात के बाद अपनी प्रेमिका को दिलवाए गए भूखण्ड के कागजात बरामद हुए।
शातिर बदमाश है दीपक
पुलिस के अनुसार दीपक जोशी पाली जिले के सुमेरपुर थाने का शातिर बदमाश है। उसके खिलाफ मारपीट, फायरिंग और लूट के प्रकरण दर्ज है। वह हर बार अलग-अलग युवकों को टीम में शामिल कर वारदात को अंजाम दिलवाता है।
इनकी कर रही पुलिस तलाश
पुलिस मुख्य आरोपी दीपक जोशी सहित जालोर जिले के भीनमाल दातीवास निवासी सुरेश कुमार पुत्र लादूराम तथा कैलाश नगर सिरोही के मालियों का वास निवासी लक्ष्मण कुमार माली उर्फ लक्ष्मण देवड़ा की तलाश कर रही है। इन तीनों आरोपियों के पुलिस ने फोटो भी जारी किए हैं।
इस टीम ने किया खुलासा
इस वारदात का खुलासा करने में डिप्टी रेलवे उदयपुर श्यामलाल मीणा सहित थानाधिकारी जीआरपी अजमेर रामअवतार चौधरी, सहायक उप निरीक्षक मनोज कुमार चौहान, जीआरपी थाना अजमेर के सिपाही दिलीपसिंह, मानसिंह, नरोत्तम शर्मा, रूपसिंह व रेलवे सुरक्षा बल रतलाम के उप निरीक्षक शिवसिंह धाकड़ के विशेष प्रयास रहे।

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