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दो डिग्री पारा गिरने पर क्यों दहकती रही धरती

locationचित्तौड़गढ़Published: May 28, 2020 11:33:51 pm

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

नौतपा के चौथे दिन गुरूवार को रिकॉर्ड में अधिकतम तापमान में करीब दो डिग्री की कमी जरूर दर्ज हुई लेकिन दिन में धरती तपती रही। हालांकि ये तपन पिछले दो दिन की तुलना में मामूली कम थी। चित्तौडग़ढ़ गुरूवार अधिकतम तापमान बुधवार के 45.5 डिग्री सेल्सियस की तुलना में दो डिग्री से अधिक कम होकर 43.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान में बुधवार को पांच डिग्री बढ़ोतरी 30 डिग्री सेल्सियस रहने के बाद गुरूवार को मामूली कमी आई और 29.2 डिग्री सेल्सियस दर्र्ज किया गया।

दो डिग्री पारा गिरने पर क्यों दहकती रही धरती

दो डिग्री पारा गिरने पर क्यों दहकती रही धरती


अधिकतम तापमान में कमी के बावजूद प्रचण्ड गर्मी जारी
चित्तौडग़ढ़. नौतपा के चौथे दिन गुरूवार को रिकॉर्ड में अधिकतम तापमान में करीब दो डिग्री की कमी जरूर दर्ज हुई लेकिन दिन में धरती तपती रही। हालांकि ये तपन पिछले दो दिन की तुलना में मामूली कम थी। चित्तौडग़ढ़ गुरूवार अधिकतम तापमान बुधवार के 45.5 डिग्री सेल्सियस की तुलना में दो डिग्री से अधिक कम होकर 43.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान में बुधवार को पांच डिग्री बढ़ोतरी 30 डिग्री सेल्सियस रहने के बाद गुरूवार को मामूली कमी आई और 29.2 डिग्री सेल्सियस दर्र्ज किया गया। गर्र्मी के तीखे तेवरों से दोपहर में कलक्ट्रेट, नगर परिषद जैसे सार्वजनिक स्थानों पर भी चहल-पहल बहुत कम रही। कुछ बैंकों के बाहर ग्राहकों की भीड़ होने से गर्मी से बचाव के लिए टेंट भी लगाए गए। दोपहर में सूर्य के तेवर इतने तीखे महसूस हुए कि पंखें बेदम साबित हो गए तो पानी भरे कूलर भी गरम हवा फेंकते रहे। दिन में सूर्य की तीखी किरणों से तप रही धरती रात में भी शीतल नहीं हो पा रही है। रात में भी जरा सी देर भी बिजली गुल होते ही आदमी पसीना-पसीना हो रहा है। लू चलने से पेटदर्द, उल्टी,डायरिया आदि की शिकायत भी बढ़ गई। गर्मी की प्रचण्डता का असर खानपान पर भी पड़ा। घरों में तन को शीतलता का अहसास कराने वाले छाछ, लस्सी आदि शीतल पेय का उपयोग बढ़ गया। डेयरी बूथ पर भी छाछ आदि की मांग बढ़ गई।

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