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पैसा खर्च कर देंगे पर बरसाती पानी बचाना मंजूर नहीं

locationचित्तौड़गढ़Published: Mar 31, 2020 08:13:27 pm

Submitted by:

jitender saran

जल संरक्षण के प्रति शहर के लोग कितने सजग है इसका नमूना देखिए कि ये लोग पैसा खर्च कर देंगे पर पानी बचाना उनको मंजूर नहीं है। ऐसा शहर के अधिकांश लोग कर रहे हैं।

पैसा खर्च कर देंगे पर बरसाती पानी बचाना मंजूर नहीं

पैसा खर्च कर देंगे पर बरसाती पानी बचाना मंजूर नहीं

चित्तौडगढ़़
दर असल, पहले तीन सौ वर्ग मीटर और इससे अधिक आकार के भूखण्ड पर मकान निर्माण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना जरूरी थाए लेकिन अब सरकार ने किसी भी आकार के भूखण्ड पर मकान निर्माण करने पर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य कर दिया है। इस सिस्टम से बरसात का पानी जमीन में उतरता है। इस नियम की पालना करने पर ही नगर परिषद नक्शा पास करती है। इसकी एवज में आवेदक से शुल्क भी लिया जाता है। जो रिफंडेबल होता है। मतलबए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाओ और शुल्क वापस ले जाओ। राजस्थान पत्रिका ने इस मामले की तह तक जाकर जानने की कोशिश की है कि आखिर इस आदेश की क्या स्थिति है। चौंकाने वाली बात है कि लोग अपना नक्शा पास करवाने से पहले यह शुल्क जमा करा देते हैंए लेकिन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनवाते हैं। इसका खुलासा इससे हुआ है कि पिछले छह माह में किसी भी आवेदक ने यह राशि वापस लेने के लिए आवेदन नहीं किए हैं।
आखिर क्यों हो रही लापरवाही
वाटर हार्वेस्टिंग की अनिवार्यता करने के बाद मकान निर्माण की अनुमति लेना भी अनिवार्य कर दिया है। जबकि दूसरी ओर सैंकड़ों मकान बिना अनुमति के बनाए जा रहे हैं। मकान निर्माण की अनुमति वही लोग लेते हैंए जिन्हें बैंक आदि संस्थाओं से ऋण लेने की आवश्यकता पड़ती है। जबकि नए बनने वाले सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तो लगाया जाता है पर वह कितना काम कर रहा है यह देखने की फुर्सत किसी को भी नहीं है।
पास हो रहे नक्शे, कोई देखने वाला नहीं
पिछले दो साल में करीब पांच सौ से ज्यादा नक्शे पास हुए हैं और राशि भी जमा कराई गई है। इनमें से कितने भवन मालिकों ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए हैं। इसका नगर परिषद के पास कोई रिकार्ड नहीं है। नियमानुसार किसी भी आकार के भूखंड पर मकान बनाने के साथ ही वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना जरूरी है। इसके लिए मकान निर्माण की अनुमति लेने वाले व्यक्ति से परिषद नियमानुसार शुल्क भी वसूलती है। जिसे सिस्टम लगाने के बाद वापस लौटा दिया जाता है।
जानिए, कितना जमा होता है शुल्क
एक से तेरह सौ पचास स्क्वायर फीट के भूखंड पर आवासीय मकान बनाने पर 5 हजार रुपए शुल्क है। 1350 से 2700 स्क्वायर फीट के भूखंड पर आवासीय निर्माण पर दस हजार रूपएए 2700 से 5380 स्क्वायर फीट के भूखंड पर आवासीय निर्माण पर पैंतीस हजार रूपए और इससे बड़े आकार के भूखण्ड पर आवासीय निर्माण करवाने पर पचास हजार रूपए व अधिकतम एक लाख रूपए का शुल्क जमा करवाना होता है। व्यावसायिक निर्माण के लिए अलग शुल्क निर्धारित किया हुआ है। पिछले छह माह में किसी भी आवेदक ने राशि रिफंड के लिए आवेदन नहीं किया है।
राशि जमा कर करते हैं पाबंद
नगर परिषद से नक्शा पास करने से पहले वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का शुल्क जमा होता है। अब कौन लोग यह शुल्क वापस लेने नहीं आते यह देखा जाएगा। जल संरक्षण जरूरी है। इसके लिए विशेष निरीक्षण अभियान चलाएंगे। पिछले छह माह में राशि रिफण्ड के लिए एक भी आवेदन नहीं आया है।
संदीप शर्मा, सभापति, नगर परिषद चित्तौडगढ़़
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