scriptघर पर ही माता रानी की आराधना, कोरोना पर जीत की कामना | Worshiping Mother Rani at home, wishing to win over Corona | Patrika News

घर पर ही माता रानी की आराधना, कोरोना पर जीत की कामना

locationचित्तौड़गढ़Published: Mar 25, 2020 11:56:26 pm

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

कोरोना वायरस संक्रमण पर जीत पाने के जज्बे की फिर परीक्षा है। इस बार समय बुधवार से नवरात्र घट स्थापना का है। इस समय माता रानी के दर्शन पाने के लिए शक्तिपीठों पर लंबी कतारे लगती है, लेकिन इस बार दर्शन के लिए भक्तों की कतार नहीं होगी। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की स्थिति होने से लोग स्वयं को घरों में बंद किए हुए है। ऐसे में नवरात्र में भी हमे इस बार घर में ही रहकर माता के नवरूपों की आराधना करनी है

घर पर ही माता रानी की आराधना, कोरोना पर जीत की कामना

घर पर ही माता रानी की आराधना, कोरोना पर जीत की कामना


चित्तौडग़ढ़. कोरोना वायरस संक्रमण पर जीत पाने के जज्बे की फिर परीक्षा है। इस बार समय बुधवार से नवरात्र घट स्थापना का है। इस समय माता रानी के दर्शन पाने के लिए शक्तिपीठों पर लंबी कतारे लगती है, लेकिन इस बार दर्शन के लिए भक्तों की कतार नहीं होगी। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की स्थिति होने से लोग स्वयं को घरों में बंद किए हुए है। ऐसे में नवरात्र में भी हमे इस बार घर में ही रहकर माता के नवरूपों की आराधना करनी है और कामना करनी है कि हमारे राष्ट्र व विश्व को कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे से मुक्ति मिले। इस बार शक्तिपीठ बंद किए जाने से उनके अंदर ही पूजा-अनुष्ठान की तैयारी की गई है। मंदिर के संतों द्वारा भी भक्तों से घर में घट स्थापना कर माताजी की भक्ति का आह्वान किया जा रहा है। मंदिरों में घट स्थापना के बाद भी पुजारी व महन्तों द्वारा ही आराधना की जा रही है। चित्तौड़ दुर्ग स्थित कालिका माता शक्तिपीठ पर नवरात्र में हजारो श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए उमड़ते है लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। दुर्ग पर प्रवेश पूरी तरह बंद किए जाने से मंदिर में पूजा आराधना पंडित व महंतों के द्वारा की गई। ऐसी ही स्थित प्रमुख शक्तिपीठ झांतला माता, जोगणिया माता, आसावरा माता आदि पर भी हो रही है।
शक्तिपीठों पर लगते रहे मेले
शक्तिपीठों पर नवरात्र में नौ दिवसीय मेल लगते रहे है। इस बार कोरोना वायरस संक्रमण से लॉकडाउन के चलते हर जगह सन्नाटा है। इन शक्तिपीठों पर नवरात्र के समय उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमन्द, प्रतापगढ़ जैसे नजदीकी जिलों एवं समीपवर्ती मध्यप्रदेश राज्य से भी हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ आती है लेकिन इस बार सभी तरफ लॉकडाउन की स्थिति होने से सार्वजनिक परिवहन के साधन भी बंद है।
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