हादसों का हाईवे एनएच 52
जिले में एनएच 52 मौत के सबसे बड़े पाइंट के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। जनवरी 2019 से लेकर अगस्त 2021 तक इसी एनएच पर सर्वाधिक 153 सड़क हादसों में कुल 115 लोगों ने अपनी जान गवाई है। आंकड़ों की माने तो इसके बाद वाहन चालकों के लिए दूसरा खतरनाक पाइंट एनएच 11 भी साबित हो रहा है। वहीं स्टेट हाईवे की यात्रा भी वाहन चालकों के लिए सुरक्षित नहीं है। एनएच व स्टेट हाइवे पर वर्तमान समय में दुर्घटना का एक कारण बेसहारा मवेशी भी साबित हो रहे हैं।
जिले में एनएच 52 मौत के सबसे बड़े पाइंट के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। जनवरी 2019 से लेकर अगस्त 2021 तक इसी एनएच पर सर्वाधिक 153 सड़क हादसों में कुल 115 लोगों ने अपनी जान गवाई है। आंकड़ों की माने तो इसके बाद वाहन चालकों के लिए दूसरा खतरनाक पाइंट एनएच 11 भी साबित हो रहा है। वहीं स्टेट हाईवे की यात्रा भी वाहन चालकों के लिए सुरक्षित नहीं है। एनएच व स्टेट हाइवे पर वर्तमान समय में दुर्घटना का एक कारण बेसहारा मवेशी भी साबित हो रहे हैं।
हादसों के कारण शराब, ओवरटेकिंग, रॉन्ग साइड, मोबाइल पर बात, इंजीनियरिंग व सड़कों में फॉल्ट, मवेशी, कम रोशनी, हेलमेट, सीट बैल्ट, भीड़भाड़ व स्पीड ब्रेकर शामिल हैं। वर्ष हादसे मौत घायल
2017 376 231 420
2018 367 248 392
2019 386 254 400
2020 334 237 306
2021 438 307 433
इस वर्ष जनवरी से लेकर मई माह तक जिले में कुल 198 सड़क हादसे घटित हो चुके हैं, जिसमें कुल 125 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 197 लोग घायल होकर उपचार के लिए अस्पताल पहुंचे।
2017 376 231 420
2018 367 248 392
2019 386 254 400
2020 334 237 306
2021 438 307 433
इस वर्ष जनवरी से लेकर मई माह तक जिले में कुल 198 सड़क हादसे घटित हो चुके हैं, जिसमें कुल 125 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 197 लोग घायल होकर उपचार के लिए अस्पताल पहुंचे।