सांखू फोर्ट. रामनवमी पर अखिल विश्व गायत्री परिवार की ओर से श्री मुकुंदगिरि मठ में पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने विश्व कल्याण की कामना के साथ गायत्री एवं महामृत्युंजय मंत्र के साथ आहुतियां दी। व्यासपीठ से बालदान चारण ने कहा कि यज्ञ भारतीय संस्कृति के पिता और गायत्री भारतीय संस्कृति की मां है । एक सत्कर्म है तो दूसरा सद्ज्ञान। यज्ञ रोग उपचार का भी माध्यम है। कार्यक्रम संयोजक भुवनेश्वर शर्मा ने बताया कि प्रारंभ में वेद माता गायत्री और गुरु सत्ता का भाव भरा आवान कर षोडशोपचार पूजन किया गया । राम नवमी के उपलक्ष्य में भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना कर विश्व कल्याण की कामना के साथ श्री राम गायत्री मंत्र के साथ यज्ञ देवता को आहुतियां अर्पित की गई। एक बुराई छोडऩे और एक अच्छाई ग्रहण करने के साथ यज्ञ की पूर्णाहुति हुई इस अवसर पर गायत्री प्रज्ञा मंडल के पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। इससे पूर्व दीपयज्ञ किया गया।
पडि़हारा. सुराणा टावर में चल रही राम कथा का रविवार को भगवान राम के राजतिलक के साथ समापन हुआ। नौ दिनों तक चली कथा में सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण किया। रविवार की कथा में खरदूषण वध, सूर्पणखा का नाक काटना, लंका दहन, रावण वध एवं भगवान राम राजतिलक आदि प्रसंगों पर कथावाचक गिरधर स्वामी महाराज ने प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि धनवान तो इस दुनिया में खूब है, लेकिन भामाशाहों द्वारा यदि परोपकार व गोसेवार्थ दान दिया जाता है, तो उससे धन की कमी नहीं आती।