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शराबबंदी के लिए 8 माह पहले किया आंदोलन, सरकार नहीं करवा रही मतदान

locationचुरूPublished: Feb 19, 2018 10:54:03 pm

Submitted by:

Rakesh gotam

पिछले साल मार्च में शराब ठेकों की लॉटरी निकलने के बाद जिले के अनेक गांवों में लोगों ने शराब बंदी के लिए आंदोलन किया

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चूरू

पिछले साल मार्च में शराब ठेकों की लॉटरी निकलने के बाद जिले के अनेक गांवों में लोगों ने शराब बंदी के लिए आंदोलन किया। महीनों तक चले आंदोलन के बाद प्रशासन ने शराब बंदी के लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत सत्यापन भी करवाया। सत्यापन में निर्धारित मत से अधिक मत पड़े। इसके बाद जिला प्रशासन ने उक्त गांवों में शराब बंदी के लिए फाइनल मतदान कराने के लिए प्रस्ताव सरकार को भेज दिया। लेकिन सरकार ने आज तक एक भी गांव में मतदान नहीं करवा सकी। अब तक केवल एक गांव में मतदान करने की स्वीकृति दी गई है।
जानकारी के मुताबिक तारानगर तहसील के गांव नेठवा, रैयाटुंडा, सात्यूं, आनंदनसिंह पुरा, चूरू के दूधवाखारा, सरदारशहर के फोगां व रातूसर गांव में शराब बंदी के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं निकला।
बंद होने के लिए 51 प्रतिशत मतदान जरूरी


जिला आबकारी अधिकारी मधुसूदन सैनी ने बताया कि शराब बंद होने के लिए 51 प्रतिशत मतदान होने चाहिए। इसके बाद उक्त गांव में आगामी वित्तीय वर्ष से ठेका आवंटित नहीं होगा। सदा-सदा के लिए शराब बिक्री बंद हो जाएगी। लेकिन मतदान कम हुआ तो ठेका यथावत रूप से चालू रहेगा।
जानिए कहां कब हुआ सत्यापन

– नेठवा गांव 4037 मतादता हैं। शराबबंदी के लिए 10 जून 2017 सत्यापन करवाया गया। 1254 लोगों ने यानी 31 प्रतिशत मतदाताओं ने शराब बंदी के लिए समर्थन किया।

– ग्राम पंचायत रैयाटुंडा में शराब बंदी के लिए 25 अप्रेल 2017 को सत्यापन करवाया गया। 2442 में से 807 मतदाताओं ( 333 प्रतिशत) ने समर्थन में मतदान किया।


– सात्यूं गांव में शराब बंदी के लिए दो मई 2017 को सत्यापन करवाया गया। यहां कुल 5110 मतदता हैं, 1626 ने मतदान किया। बंदी के समर्थन में 32 प्रतिशत मत पड़े।

– दूधवाखारा में शराब बंदी के लिए 26 मई 2017 को सत्यापन करवाया गया। यहां कुल 4650 मतदाता हैं जिसमें से 1499 मतदाताओं ने शराबंदी का समर्थन किया। इसके समर्थन में 32.21 प्रतिशत मतदान हुआ।

– फोगां में शराब बंदी आंदोलन के बाद प्रशासन की ओर से सत्यापन करवाया गया। यहां कुल 3860 मतदता हैं इसमें से 1076 लोंगों ने बंदी का समर्थन किया। 24 अक्टूबर 201७ को एसडीएम ने सत्यापन करवाकर रिपोर्ट आगे भेज दी।

– रातूसर में ग्रामीणों ने बंद की मांग की थी। प्रशासन ने सत्यापना करवाकर मतदान के लिए सरकार के पास रिपोर्ट भेज दी गई है।

सरकार नहीं चाहती बंद हो शराब

लोगों ने करीब एक साल पहले शराब बंदी के लिए आंदोलन किया। सत्यापन रिपोर्ट भी भिजवा दी गई लेकिन सरकार शराब ठेकोंबंद नहीं करना चाह रही। जिले में केवल एक गांव में मतदान करवाने का आदेश दिया गया है।
हरिसिंह बेनीवाल, जिलाध्यक्षस, जनक्रांति मंच

30 दिन में मिलेगी मतदान की तारीख

सरदारशहर. शराब की दुकान बंद कराने के लिए संघर्ष कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। अब किसी भी पंचायत में शराब की दुकान बंद कराने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। राजस्थान मद्य निषेध मोर्चा के प्रदेश महामंत्री गणेशदास स्वामी ने बताया कि शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा छाबड़ा की ओर से 11 फरवरी से शुरू किए गए आमरण अनशन को समाप्त कराने के लिए राज्य सरकार एवं समिति के प्रतिनिधियों के बीच सहमति बनी है। सहमति के मुताबिक अब मदिरा की दुकानों को मतदान के माध्यम से बंद करने के प्रस्ताव प्राप्त होने के अधिकतम 30 दिन में मतदान की तारीख दी जाएगी। यह निर्णय 16 फरवरी को राज्य सरकार व पूजा छाबड़ा के बीच हुए समझौते में हुआ।
जिले के करीब छह गांवों में शराब ठेका बंद करने के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भिजवाया गया है। सरकार ने फोगां में मतदान के लिए तिथि निर्धारित कर दी है। अन्य की तिथि अभी नहीं आई है।
राकेश कुमार, एडीएम, चूरू
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