सुबह लगभग सात बजे आचार्य ने तेरापंथ भवन से प्रस्थान किया। मार्ग में साध्वियों के प्रवास स्थल पर पधार कर मंगलपाठ फरमाया एवं फिर तेरापंथ के प्रथम मंत्रीमुनि मगनलाल के समाधि स्थल पर भी गुरुदेव का पदार्पण हुआ। जन उद्धार करते हुए शांतिदूत महाश्रमण अब छापर चातुर्मास की ओर अग्रसर हो गए। लगभग 9 किलोमीटर का विहार कर आचार्य सवाई बड़ी स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रवास के लिए पहुंचे। इससे पूर्व रास्ते में आचार्यश्री का जगह-जगह स्वागत किया गया। इस अवसर पर प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष बाबूलाल बोथरा, मंत्री सूरजदेवी बरडिय़ा, युवा उद्योगपति विकास मालू, सभा के अध्यक्ष सिद्धार्थ चिण्डालिया, मंत्री पारस बुच्चा, अजय आंचलिया, संजय बोथरा, राजीव दूगड़, महेन्द्र बरडिय़ा, श्रीचन्द नौलखा, पन्नालाल डागा, वद्र्धमान सेठिया, राजकुमार बरडिय़ा सहित बड़ी संख्या में लोग विहार जुलूस में शामिल हुए।
मध्यान्ह में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं बिहार सरकार के मंत्री शाहनवाज हुसैन आचार्य महाश्रमण के दर्शनार्थ पहुंचे। आचार्य से आशीर्वाद ग्रहण कर शहनवाज हुसैन मेगा हाईवे पर स्थित प्रेक्षाप्रणेता आचार्य महाप्रज्ञ के समाधि स्थल शांतिपीठ पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वहां पर अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से नवनिर्मित विश्वस्तरीय महाप्रज्ञ दर्शन म्यूजियम का अवलोकन किया। आचार्य 18 मई को राजासर होते हुए आगे 22 मई को कालू, 23-24 को लूणकरणसर, 4-5 जून को नोखा आदि क्षेत्रों में पहुंचेंगे। 12 से 17 जून तक का प्रवास बीकानेर, गंगाशहर में रहेगा।