चूरू शहर में 11 घंटे का कफ्र्यूचूरू. शहर में कोरोना संक्रमण उफान पर है। दो दिन पहले 24 घंटे में 67 नए पॉजिटिव सामने आने के बाद से हालात को लेकर स्वास्थ्य महकमे और जिला प्रशासन में अजीब से बेचैनी देखी जा रही है।
चूरू. शहर में कोरोना संक्रमण उफान पर है। दो दिन पहले 24 घंटे में 67 नए पॉजिटिव सामने आने के बाद से हालात को लेकर स्वास्थ्य महकमे और जिला प्रशासन में अजीब से बेचैनी देखी जा रही है। चूरू शहर स्थित कोविड केयर सेंटर एएनएमटीसी और डीबीएच अस्पताल पर जहां बेहद ज्यादा हो चुका है, वहीं सैंपल रिपोर्ट की लंबी पेंडेंसी ने बेचैनी को और बढ़ा दिया है। गौरतलब है कि 1500 से भी ज्यादा सैंपल की जांच रिपोर्ट अब तक लंबित है। इसमें कार एंजेसी के सभी पॉजिटिव कार्मिकों के संपर्क में आने वाले लोगों मसलन बैंकों के ऑटो फाइनेंस से जुड़े दर्जनों लोगों के अलावा कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और ऐसे ही अन्य लोगों की रिपोर्टें भी शामिल हैं। चूरू शहर में अफरा-तफरी के हालात को देखते हुए प्रशासन ने शहर में 11 घंटे का कफ्र्यू लागू कर दिया है। शनिवार रात को इसकी घोषणा करते हुए प्रशासन ने साफ किया कि कफ्र्यू रात आठ बजे तक सुबह सात बजे तक रहेगा। गढ़ परिसर स्थिति पीएचसी को भी आगामी तीन दिन के लिए बंद कर दिया गया है, क्योंकि यहां के एक लैब टेक्नीशियन की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आ चुकी है।
प्रशासन का फैसला
चूरू नगर परिषद क्षेत्र में भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत रात्रि 8 से सुबह 7 बजे तक पूर्णतया कफ्र्यू के आदेश जारी किए गए हैं। उपखंड मजिस्ट्रेट अभिषेक खन्ना की ओर से जारी आदेश के अनुसार इस दौरान इस क्षेत्र के समस्त व्यक्ति अपने आवास से बाहर आगमन नहीं करेंगे। क्षेत्र को जीरो मोबिलिटी क्षेत्र घोषित कर लॉकिंग एरिया में जनसाधारण का आगमन-निर्गमन प्रतिबंधित किया गया है। चिकित्सकीय सेवाओं को छोड़कर अन्य गतिविधियां कफ्र्यू के दौरान बंद रहेंगी। आदेशों की अवहेलना पर भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 18 8 , 26 9, 270 तथा राजस्थान महमारी अधिनियम 1957 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के सुसंगत प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाएगी।
कार एजेंसी का एक किमी के आसपास का क्षेत्र कंटेंनमेंट जोन
एसडीएम अभिषेक खन्ना ने जयपुर रोड स्थित ऑडी मोटर्स के परिक्षेत्र के एक किलोमीटर के परिधीय क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित करने के आदेश जारी किए हैं। क्षेत्र में चिकित्सकीय सेवाओं को छोड़कर अन्य व्यवसायिक व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। समस्त सामूहिक गतिविधियां यथा रैली, जुलूस, सभा एवं समारोह आदि पूर्णत: बंद रहेंगे। दैनिक आवश्यकताओं से संबंधित किराणा एवं जनरल स्टोर एवं फ ल सब्जी प्रतिष्ठान आदि आगामी आदेशों तक बंद रहेंगे। समस्त प्रकार के वाहनों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
बिना स्क्रीनिंग नहीं मिलेगा प्रवेश
आदेश के अनुसार चिकित्सा विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी व्यक्ति बिना स्क्रीनिंग के बाहर इस क्षेत्र में प्रवेश नहीं करे तथा कोई भी व्यक्ति प्रतिबंधित क्षेत्र से बाहर नहीं निकले। क्षेत्र के धार्मिक स्थलों में आमजन, दर्शनार्थियों एवं श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। खाद्य राशन सामग्री, दूध-सब्जी आदि की होम डिलीवरी एवं पशु चारे की व्यवस्था के लिए तहसीलदार द्वारा आदेश जारी किए जाएंगे। आदेशों की अवहेलना पर संबंधित प्रावधानों में कार्रवाई की जाएगी।
गढ़ परिसर पीएचसी तीन दिनों के लिए बंद
गढ़ परिसर में बने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को शनिवार को 3 दिन के लिए बंद कर दिया गया है। सीएमएचओ डॉ. भंवरलाल शर्मा ने बताया कि गढ़ परिसर में बनी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का सहायक लैब टेक्नीशियन कोरोना पॉजिटिव आ गया। इसके बाद निर्णय किया गया कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 3 दिन के लिए बंद कर दिया जाए। इन 3 दिनों में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सैनिटाइज किया जाएगा और आवागमन भी बंद रखा जाएगा, जिससे कोरोना क्षेत्र में नही फैले।
जब आएगा, तब देखेंगे…की सोच से चरमराई व्यवस्थाएं
दरअसल, कोविड-19 संक्रमण के पूरे काल में चूरू में ऐसे हालात कभी पैदा नहीं हुए, जैसे पिछले दो दिनों से हैं। दरअसल, चूरू जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग इस महामारी को लेकर बेहद आश्वस्त मोड में आ चुका था। लिहाजा, पिछले डेढ़ महीनों के दौरान जहां एक तरफ संक्रमण का दौर नीचे-ऊपर होता हुआ सात सौ का आंकड़ा पार कर गया, वहीं विभाग की निश्चिंतता का ग्राफ भी ऊंचा होता रहा। नतीजे में गुरुवार को 6 7 कोरोना पॉजिटिव के रूप में बड़ा विस्फोट हो गया।
किसकी कितनी क्षमता
चूरू में जहां एएनएमटीसी में तकरीबन 100 मरीजों को रखे जाने की सुविधा है, वहीं डीबीएच अस्पताल में भी कहने को तो 100 से ऊपर मरीज रखे जा सकते हैं, लेकिन यहां हालात यह हैं कि अगर 30 से ज्यादा मरीज होते हैं, तो अस्पताल प्रशासन की सांसें ऊपर नीचे होने लगती हैं। कारण संसाधनों का तदनुरूप न होना है। स्टाफ सीमित है। वैसे भी तय यही है कि लक्षणों वाले कोविड संक्रमित मरीज ही अस्पताल में रखे जाएंगे, इसलिए सबसे ज्यादा दबाव एएनएमटीसी सेंटर पर ही है। वहां अब 8 2 लोग मौजूद हैं। खास बात यह है कि इनमें ज्यादातर चूरू तहसील के बाहर के क्षेत्रों के हैं। अगर सुजानगढ़, रतनगढ़, तारानगर के मरीज पहले से तय तहसील मुख्यालयों पर बनने वाले कोविड केयर सेंटरों पर चले जाते, तो चूरू शहर में व्यवस्था के हालात इतने नहीं बिगड़ते। उधर, सरदारशहर में भी कोविड केयर सेंटर पर 100 संक्रमित अलाक्षणिक मरीजों को रखे जाने की सुविधा है। हालांकि, यहां व्यवस्था को विस्तार देने की भी संभावना है, लिहाजा सरदारशहर में स्थिति कुछ बेहतर है।
डीबीएच में विवादों का दिन
डीबीएच अस्पताल में शनिवार को दिन भर अस्पताल प्रशासन कोविड संक्रमित मरीजों के विवाद ही सुलझाता दिखा। दरअसल, यहां सुजानगढ़ के एक बैंक के 13 कर्मचारियों को रखा गया था, जो खुद को झुंझुनूं भेजे जाने की जिद कर रहे थे। प्रशासन के इनकार करने पर उन्होंने यहां व्यवस्थाओं में कमी की बात उठानी शुरू कर दी। अस्पताल प्रशासन की ओर से वरिष्ठ फिजीशियन और शनिवार को पीएमओ का भी अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे डॉ. प्रो. एफ एच गौरी पहुंचे और उन्होंने समझाईश की। तब यह बात सामने आई कि सभी लोग झुंझुनूं जाना चाहते हैं। मौके पर मौजूद उपनियंत्रक डॉ. मनोज शर्मा, फिजीशियन डॉ. आरिफ आदि ने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन उनके न मानने पर मौके पर पुलिस भी बुलानी पड़ी। बाद में इन लोगों को सरदारशहर शिफ्ट किया गया।
होम क्वॉरंटीन की गाइडलाइन की तरफ देख ही नहीं रहा प्रशासन
गौरतलब है कि बिना लक्षण वाले मरीजों को पाबंद करते हुए एक तय प्रोफार्मा भरवा कर उन्हें होम क्वारंटीन करने संबंधी आईसीएमआर की गाइडलाइन भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के पास पड़ी धूल खा रही है, लेकिन उस पर भी अमल नहीं हो रहा है। अगर ऐसा हो जाए, तो भी चिकित्सा व्यवस्था पर से दबाव थोड़ा कम हो सकेगा।