scriptआखिर चिकित्सक एसीबी के हाथ क्यों लगा | After all, why did the doctor get ACB | Patrika News

आखिर चिकित्सक एसीबी के हाथ क्यों लगा

locationचुरूPublished: Oct 23, 2020 09:43:35 am

Submitted by:

Madhusudan Sharma

चूरू एसीबी की टीम ने गुरुवार को ऑपरेशन करने की एवज में दस हजार रुपए की रिश्वत लेते मेडिकल कॉलेज चूरू में कार्यरत सहायक आचार्य डॉ. संदीप अग्रवाल व निजी अस्पताल के नर्सिंगकर्मी राजेन्द्र कुमार को नई सड़क स्थित बालाजी अस्पताल से रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया।

आखिर चिकित्सक एसीबी के हाथ क्यों लगा

आखिर चिकित्सक एसीबी के हाथ क्यों लगा

चूरू. चूरू एसीबी की टीम ने गुरुवार को ऑपरेशन करने की एवज में दस हजार रुपए की रिश्वत लेते मेडिकल कॉलेज चूरू में कार्यरत सहायक आचार्य डॉ. संदीप अग्रवाल व निजी अस्पताल के नर्सिंगकर्मी राजेन्द्र कुमार को नई सड़क स्थित बालाजी अस्पताल से रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी चूरू आनंद प्रकाश स्वामी ने बताया कि गाजसर निवासी विकास कुमार जाट ने परिवाद पेश कर बताया था कि उसकी मां शारदा देवी के शरीर के एक हिस्से में गांठ होने पर मेडिकल कॉलेज चूरू के डॉ. संदीप कुमार अग्रवाल से परामर्श लेने के लिए अस्पताल गया था। इस पर चिकित्सक ने उससे कहा कि अभी अस्पताल में कोरोना संक्रमण फैला हुआ है। साथ ही ऑपरेशन करने की पर्याप्त सुविधाएं भी मौजूद नहीं है। उसने परिवादी को बालाजी अस्पताल जाने का दबाव बनाया। ऑपरेशन करने की एवज में उससे 25 हजार रुपए की मांग की जो बाद में दस हजार रुपए में तय हुआ। शिकायत पर चूरू एसीबी कार्यालय ने सत्यापन बाद गुरुवार दोपहर पीडि़त को रुपए के कलर लगाकर बालाजी अस्पताल भेजा। यहां चिकित्सक ने दस हजार रुपए नर्सिंगकर्मी राजेन्द्र को देने के लिए कहा। इधर, इशारा मिलने पर एसीबी की टीम ने चिकित्सक व नर्सिंगकर्मी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। एसीबी टीम में एचसी गिरधारी सिंह, नरेन्द्र सिंह सहित दिलीप कुमार, ओमप्रकाश, संदीप कुमार, भंवरलाल, राजपाला, श्रवण, दीपेश व हिम्मत सिंह शामिल रहे। एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्वामी ने बताया कि कोई भी पीडि़त भ्रष्टाचार मामले की कार्यालय में आकर शिकायत कर सकता है। इस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी विवादों में रहा है आरोपी
आरोपी चिकित्सक पूर्व में भी विवादों में आया था। एक व्यक्ति की ओर से रुपए लेने के बावजूद ऑपरेशन नहीं करने का इन पर आरोप है। हालांकि इस दौरान आपसी समझाइश के बाद मामला शांत हो गया था।
एक सप्ताह पहले हुई है कार्रवाई
करीब एक सप्ताह पहले सादुलपुर में एक सैनिक को प्रधानमंत्री आवास योजना की किस्त देने के बदले दस हजार रुपए लेने के आरोप में ग्रामसेवक आजादसिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है। सादुलपुर में ही पंचायत समिति में 25 जून को तत्कालीन विकास अधिकारी वीरपाल सिंह एवं ग्राम सेवक सुरेन्द्रसिंह एक लाख 27 हजार लेते धरा गया था। 15 सितंबर को राजलदेसर में वीसीआर नहीं भरने की एवज में एक लाख की रिश्वत लेते चूरू एसीबी ने जोधपुर विद्युत निगम लिमिटेड सहायक अभियंता कार्यालय राजलदेसर के जेईएन सुखराम मीणा व तकनीकी सहायक हरिओम शर्मा को रिश्वत लेते ट्रेप किया।

मरीज व परिजन करते हैं शिकायत
कोरोना काल के चलते इन दिनों कुछ चिकित्सक समय से पहले ही सीट से उठकर चले जाते हैं। राउंड का बहाना बनाकर अपने चहेते निजी अस्पतालों में आकर मरीजों को देखा जाता है। किसी व्यक्ति के विरोध किए जाने पर मामला दर्ज करने के लिए धमकाया जाता है। ऐसे में दूर-दराज से आए ग्रामीण लोगों को घर या उनके बताए निजी अस्पतालों में जाकर परामर्श लेना पड़ता है। राजकीय डीबी अस्पताल में यह खेल काफी समय से चला आ रहा है।

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