इन गांवों में गहराई गई बिजली-पानी की समस्याएं
गांव रामदेवरा में एक माह से जले ट्रांस्फार्मर का मुद्दा सदन में उठाया गया। देपालसर सरपंच ने घरों के उपर से गुजर रही हाई वोल्टेज बिजली की लाइन हटाने की मांग की। पंस सदस्य सुनील मेघवाल ने गांव झारिया में 27 क्षतिग्रस्त बिजली के पोल बदलने की मांग की, वहीं गांव खंडवा में डीपी लगाने की मांग हुई। सरपंच दूधवा मीठा ने 30 जर्जर पोलों को बदलने की मांग कर कहा कि लंबे समय से विभाग ध्यान नहीं दे रहा है, बारिश का मौसम है हादसा हुआ तो जिम्मेदार कौन होगा। गांव श्योपुरा में तीन साल पहले डाली गई आपणी योजना की पाइप लाइन में अभी तक पानी शुरू नहीं हुआ। बैठक में कईजनप्रतिनिधियों ने अरोप लगाया कि पानी विभाग के अधिकारी फोन नहीं उठाते। लीकेज ठीक करने के टेंडर सिर्फ कागजों में हुए हैं। गांवों में कार्मिक जाते ही नहीं हैं। जिस पर राठौड़ ने कहा कि अधिकारी दफ्तरों से बाहर निकलें। ऐसे काम नहीं चलते वाला। बैठक में पटवारियों के गांवों में नहीं जाने के मामले को लेकर राठौड़ ने एसडीएम से कहा कि उन्हें नोटिस जारी करें। गांवों में आबादी भूमि के सीमांकन करने की बात भी कही गई।