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आठ साल में 37 जनों को लील चुका एड्स

locationचुरूPublished: Oct 11, 2019 11:52:50 am

Submitted by:

Madhusudan Sharma

चूरू जिले में जानलेवा बीमारी एड्स ने खतरे की घंटी बजा दी है, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कारगर कदम नहीं उठाने पर हालात विकट होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

आठ साल में 37 जनों को लील चुका एड्स

आठ साल में 37 जनों को लील चुका एड्स

चूरू. चूरू जिले में जानलेवा बीमारी एड्स ने खतरे की घंटी बजा दी है, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कारगर कदम नहीं उठाने पर हालात विकट होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। महिलाएं व बच्चे तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों की माने तो जिले में पिछले सात माह में हर माह दूसरे दिन एड्स के रोगी का राजकीय डीबी अस्पताल में आना जारी है। आठ साल के भीतर इस बीमारी से अबतक 37 लोगों की मौत हो चुकी है। जानकारों का कहना है कि हकीकत में मौतों की संख्या अधिक है। जिले में रोगियों को राहत देने के लिए राजकीय डीबी अस्पताल में एआरटी सेंटर संचालित किया जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार गर्भवती महिलाओं व नवजातों को सर्वाधिक खतरा है। सेंटर पर कार्यरत असलम ने बताया कि अस्पताल में इस बीमारी के कुल 456 मरीज रजिस्टर्ड हैं। जिसमें सर्वाधिक संख्या में पुरुष 233 व 177 महिलाएं सहित शेष बच्चे शामिल हैं। कुल रजिस्टर्ड में से केवल 377 मरीज ही नियमित दवाई ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले मरीजों को इलाज के लिए झुंझुनूं, सीकर व बीकानेर जाना पड़ता था। लेकिन वर्ष 2011 में जिले में केन्द्र की सेवा शुरू हो गई।

योजनाओं को नहीं उठा रहे फायदा
राज्य सरकार की ओर से बीमारी से पीडि़त मरीजों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रखी है। जिसमें समाज कल्याण की पालनहार, रोडवेज की ओर से किराए में छूट, रसद विभाग की ओर अंत्योदय, ब्लड बैंक में निशुल्क ब्लड की सुविधा उपलब्ध है। लेकिन जानकारी के अभाव में कुछेक पीडि़त इसका फायदा उठा पा रहे हैं। वहीं अनेक लोक लाज के भय से सामने नहीं आते। अनेक दूसरे राज्यों में जाकर उपचार ले रहे हैं।
बीमारी एक नजर
रजिस्टर्ड मरीज- 456
पुरुष- 233, महिलाएं- 177
लड़के- 27, लड़कियां- 19
कुल मौत- 37
(2011 से अबतक की स्थिति, एआरटी सेन्टर से प्राप्त जानकारी)

इनका कहना है
सेन्टर पर पिछले महिनों से मरीजों की संख्या बढ़ रही है, इसे लोगों की जागरूकता ही कह सकते हैं। सेन्टर पर आने वाले मरीजों की काउंसलिंग की जाती है।
डॉ.साजिद, प्रभारी एआरटी सेंटर डीबी,अस्पताल चूरू
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