script25 दिन से लोगों में यहां पनप रहा आक्रोश, लेकिन प्रशासन ने आंखें मूंदी | Anger Among People Since 25 days, But Administration Has Closed It Eye | Patrika News

25 दिन से लोगों में यहां पनप रहा आक्रोश, लेकिन प्रशासन ने आंखें मूंदी

locationचुरूPublished: Aug 27, 2020 09:12:05 am

Submitted by:

Brijesh Singh

किसान मुआवजे की मांग को लेकर गांव सांगासर में 33 वें दिन, भींचरी में 25 वें दिन तथा लूंछ में 25 वें दिन भी धरने पर रहे।

25 दिन से लोगों में यहां पनप रहा आक्रोश, लेकिन प्रशासन ने आंखें मूंदी

25 दिन से लोगों में यहां पनप रहा आक्रोश, लेकिन प्रशासन ने आंखें मूंदी

रतनगढ़. रतनगढ़ से लोसल वाया सालासर स्टेट हाइवे निर्माण में प्रभावित किसान मुआवजे की मांग को लेकर गांव सांगासर में 33 वें दिन, भींचरी में 25 वें दिन तथा लूंछ में 25 वें दिन भी धरने पर रहे। किसानों की सड़क निर्माण में ली जा रही भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने अब रतनगढ़ शहर में व्यापारी बंधुओं से मिलकर समर्थन मांगते हुए एक दिन के लिए रतनगढ़ बाजार बंद करने रखने के लिए व्यापार मंडल व दुकानदारों से सम्पर्क करने का निर्णय लिया है। किसानों ने प्रशासन पर सड़क निर्माण कंपनी तथा परियोजना निदेशक के दबाव व मिलीभगत का आरोप लगाया। ढाकावाली, कनवारी, मैणासर, कुसुमदेसर में काम जारी होने तथा खेतों में खड़ी फसल को नष्ट करने, अवैध मिट्टी खनन के साथ बलपूर्वक बाड़, तारबंदी हटाने को लेकर भी किसानों ने आक्रोश जताया।

युवा किसान नेता सुरेन्द्र गोदारा ने कहा कि भींचरी व कनवारी में गांव के अंदर से स्टेट हाइवे निर्माण के चलते टूटने वाले पक्के मकानों, दुकानों, व्यक्तिगत व सार्वजनिक संपत्ति के बड़े पैमाने पर होने वाले नुक़सान को लेकर भी अभी तक मुआवजे का कोई काम नहीं किया गया है जबकि इस कारण अनेक घर बेघर हो जाएंगे जिनको इनकी सम्पत्ति के नुक़सान का बाजार मूल्य देने की मांग की गई। सरपंच हरिप्रसाद दायमा व भागीरथ गोदारा ने सोमवार को कांग्रेस नेता हाजी मकबूल मण्डेलिया, भंवरलाल पुजारी, सुजानगढ़ के गणेश ढाका आदि के साथ जिला कलक्टर डा.प्रदीप के गवांडे से मिलकर सन्दॢभत ज्ञापन सौंपा। हालांकि तीनों गांवों में धरना यथावत जारी रहा।

गांव सांगासर में धरने पर नारायण प्रसाद गोदारा, मांगीलाल एचरा, गोपालराम, घनश्याम दायमा, गजेन्द्र सिंह, हीरालाल मेघवाल, श्रवण सिंह, सुभाष गोदारा, गोविंद सहारण, भागीरथ एचरा आदि मौजूद थे। गांव भींचरी में मगाराम पूनिया, किशन सिंह, डेडाराम, कुरड़ाराम मेघवाल, शेराराम पूनिया, पोखरराम, ओमप्रकाश आदि थे। गांव लूंछ में सरपंच संपत नायक, भगवानाराम, महेंद्र श्योराण, संजय सिंह, रिछपाल, निरंजन जांगिड़, नोपाराम, पन्नालाल, राधेश्याम शर्मा आदि धरने पर बैठे।

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