एकल निविदा पर उठे सवाल
पुलिस लाइन से पंखा सर्किल तक पानी निकासी के एक प्रोजेक्ट पर एकल निविदा आने पर आपत्ति दर्शाई गई। सभापति ने अपनी सहमति जारी कर दी और मुद्दा अगली बैठक के लिए टल गया। सभापति और ईओ में पावर निहित होने से संबंधित एक एक्ट पर चर्चा के दौरान पार्षद घनश्याम कलवारिया ने सवाल उठाया कि अगर सारे अधिकार सभापति और ईओ में निहित हो जाते हैं, तो जनप्रतिनिधि के होने का क्या मतलब रह जाता है। देखने वाली बात यह भी है कि इससे कानून का ही उल्लंघन होने का अंदेशा है। विरोध बढऩे लगा, तो सभापति ने आश्वस्त किया कि इस पर आपका विरोध दर्ज कर लिया जाएगा।
फिलहाल यूजर चार्ज वसूली से आवासीय को छूट
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के नाम पर यूजर चार्जेस वसूली की बात पर पार्षदों ने वर्तमान कोरोना काल में ऐसा अर्थ भार डालने पर आपत्ति जताई। इस पर ईओ ने चेताया कि यह सब परिषद की आय बढ़ाने के लिए ही किया जा रहा है क्योंकि परिषद के खर्चों के अलावा विकास कार्यों में भी दिक्कत आ रही है। विवाद बढ़ते देख इसमें आवासीय कचरा पर शुल्क से फिलहाल राहत देने की बात सभापति ने मान ली। दुकानों, होटलों तथा व्यवसायिक भवनों से मासिक यूजर चार्ज लिए जाने संबंधी प्रस्ताव पारित किए गए।
…जब चढ़ गई बाहें
एजेंडे के अंतिम बिंदु पर चर्चा के दौरान पार्षद मोहम्मद अली ने जमीन का पट्टा खुद के नाम होने की बात कहते हुए इसे नगर परिषद के अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया। इस पर भाजपा पाषर्दों घनश्याम कलवरिया और अन्य की ओर से आपत्ति आई, तो इसी दौरान मोहम्मद अली ने गुस्से में आकर कलवारिया को डांट दिया। इस पर विवाद बढ़ा और कलवरिया-मोहम्मद अली एक दूसरे की ओर बढ़े। हालात भांप कर साथी पार्षदों और सुरक्षा बलों ने उन्हें अलग किया। इसी दौरान सभापति ने बैठक समाप्ति की घोषणा कर दी।