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बच्चा चोरी मामलाः कलक्टर ने बनाई प्रशासनिक कमेटी, करेगी जांच

locationचुरूPublished: Jul 31, 2020 10:34:28 am

Submitted by:

Brijesh Singh

एमसीएच की नवजात शिशु इकाई (एसएनसीयू) से बच्चा चोरी मामले में कलक्टर प्रदीप के. गावंडे ने प्रशासनिक जांच बैठा दी है।

बच्चा चोरी मामलाः कलक्टर ने बनाई प्रशासनिक कमेटी, करेगी जांच

बच्चा चोरी मामलाः कलक्टर ने बनाई प्रशासनिक कमेटी, करेगी जांच

चूरू. डीपीएच परिसर स्थित एमसीएच की नवजात शिशु इकाई (एसएनसीयू) से बच्चा चोरी मामले में कलक्टर प्रदीप के. गावंडे ने प्रशासनिक जांच बैठा दी है। चार सदस्यीय एक जांच कमेटी बनाई गई है, जिसमें एसीईओ अर्थात अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी नरेंद्र चौधरी, उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवकरण गुरावा और समाज कल्याण विभाग के एक सहायक और उपनिदेशक स्तर के अधिकारी को शामिल किया गया है। इस कमेटी को सात दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट कलक्टर को सौंपनी होगी। गौरतलब है कि कलक्टर ने इससे पहले डीबीएच अस्पताल परिसर और एमसीएच का दौरा भी किया था और मौके पर जाकर हालात की खुद जानकारी ली थी। उन्होंने बच्चा चोरी के मामले की भी खुद के स्तर पर पड़ताल की थी। इस बीच, अस्पताल प्रशासन की ओर से बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट अस्पताल के पीएमओ डॉ. गोगाराम को सौंप दी है।

दो स्टाफ हटाए, व्यवस्थाएं सुधारने पर जोर
डीबीएच अस्पताल के पीएमओ डॉ. गोगाराम ने डॉ. इकराम अहमद के नेतृत्व वाली जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने की बात स्वीकार की। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रकरण सामने आने के दो-तीन दिनों के भीतर ही संबंधित दो स्टाफ को ड्यूटी से हटा दिया गया था। यह काम जांच कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले ही कर दिया गया था। दूसरी ओर, एफआईआर भी करवाई जा चुकी है। रही बात अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने की तो सीसीटीवी कैमरों में तकनीकी समस्या को दूर करने, ड्यूटी स्टाफ बढ़ाने, किसी अनजान शख्स के एसएनसीयू में प्रवेश न करने देने समेत अन्य बिंदुओं पर काम किया जा रहा है।

यह था मामला
गौरतलब है कि करीब सप्ताह भर पहले ही एक महिला का नवजात बच्चा नर्सिंग स्टाफ और दर्जनों अभिभावकों के बीच से चोरी चला गया था। बच्चा चोरी जाने के तुरंत बाद ही अस्पताल प्रशासन को पता चल गया था। सीसीटीवी फुटेज में बच्चा चोरी करते ले जाती एक महिला दिखी थी और उस दौरान मौजूद नर्सिंग स्टाफ की पीठ बच्चों की ओर दिखाई दे रही थी। गनीमत रही की अस्पताल प्रशासन और पुलिस टीम की आपसी सामजंस्य से की गई कोशिशों के चलते बच्चा 15 घंटों के भीतर ही बरामद कर लिया गया था। इस मामले में एक आशा सहयोगिनी की गिरफ्तारी भी हुई, लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठा था कि आखिर इतनी व्यवस्थाओं, गार्ड ड्यूटी और नर्सों के होते हुए भी बच्चा चोरी कैसे चला गया। पड़ताल करने पर गार्ड ड्यूटी की लापरवाही, नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही व नर्सिंग स्टाफ की कमी के साथ अधिकांश सीसीटीवी कैमरों में रिकार्डिंग न हो पाने की कमियां सामने आई थीं।

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