scriptLOCK-DOWN- गोद में बच्चे, सिर पर सामान उठाकर पैदल जाने की मजबूरी | Children on the lap, forced to walk with their luggage on their head | Patrika News
चुरू

LOCK-DOWN- गोद में बच्चे, सिर पर सामान उठाकर पैदल जाने की मजबूरी

जहां एक ओर कोचिंगों में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों के लिए सरकारें उनको घर तक पहुंचाने के लिए संपूर्ण व्यवस्था कर रही हैं। वहीं गरीब मजदूर किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिलने पर गोद में बच्चे व सिर पर सामान लेकर अपने परिवार के साथ सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर भूखे-प्यासे अपने गंतव्य स्थान पर जा रहे हैं। पांव में छाले, सर पर भारी भरकम वजन और गोद में बच्चों को लिए यह मजदूर दिन रात सड़कों पर अपना सफर पैदल ही तय कर रहे हैं।

चुरूApr 29, 2020 / 09:37 pm

Vijay

LOCK-DOWN- गोद में बच्चे, सिर पर सामान उठाकर पैदल जाने की मजबूरी

LOCK-DOWN- गोद में बच्चे, सिर पर सामान उठाकर पैदल जाने की मजबूरी

सरदारशहर (चूरू). जहां एक ओर कोचिंगों में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों के लिए सरकारें उनको घर तक पहुंचाने के लिए संपूर्ण व्यवस्था कर रही हैं। वहीं गरीब मजदूर किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिलने पर गोद में बच्चे व सिर पर सामान लेकर अपने परिवार के साथ सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर भूखे-प्यासे अपने गंतव्य स्थान पर जा रहे हैं। पांव में छाले, सर पर भारी भरकम वजन और गोद में बच्चों को लिए यह मजदूर दिन रात सड़कों पर अपना सफर पैदल ही तय कर रहे हैं। ऐसा ही एक नजारा सरदारशहर में देखने को मिला। यह मजदूर राजस्थान के फलौदी से हरियाणा के कैंथल जा रहे हैं। जो 8 00 किलोमीटर का सफर है। 400 किलोमीटर का सफर तय कर जब सरदारशहर पहुंचे तो इनकी हालत दयनीय थी। प्रेरणा मंच के अध्यक्ष हंसराज सिद्ध को यह जानकारी मिली तो मजदूरों के लिए चाय, पानी व नाश्ते की व्यवस्था की और पुलिस प्रशासन के सहयोग से गांधी विद्या मंदिर में इनकी स्क्रीनिंग करवाई गई तथा उनको दवा भी उपलब्ध करवाई। जिसके बाद मजदूर अपने घर के लिए पैदल ही रवाना हो गए। युवा हंसराज सिद्ध ने बताया कि सरकार को इन मजदूरों की ओर ध्यान देना चाहिए और इनको गंतव्य तक पहुंचाने में मदद करनी चाहिए।
सादुलपुर. गत दो-तीन दिनों से अचानक पुलिस की गश्त बंद-सी हो गई। प्रशासन के अधिकारी भी नजर नहीं आ रहे हैं। जिसके कारण आठ से दोपहर बारह बजे तक खुलने वाली दुकानों के दौरान भीड़ रहने लगी है तथा लॉकडाउन की पालना नहीं रही हैं। ना कोई रोकने वाला है, ना कोई टोकने वाला। ऐसी स्थिति में कोरोना वायरस फैलने एवं लोग अप्रिय घटना से चिंतित हैं। यही नहीं पहले दोपहर ११.३० बजे स्वत: ही दुकानें बंद होने लग जाती थी। लेकिन तीन दिनों से दोपहर बारह बजे बाद तक दुकानें बंद नहीं हो रही हैं। इसके अलावा गली-मौहल्लों में भी दुकानें खुली रहती हैं। वहीं बिना अनुमति के भी लोग दुकान खोलने लगे हैं। दोपहर बाद बाजारों में वाहन दौड़ते नजर आने लगे हैं। इस संबंध में थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई ने बताया कि जिम्मेदार लोग जब तक पुलिस एवं प्रशासन का पूर्ण सहयोग नहीं करेंगे, तब तक अकेली पुलिस कुछ नहीं कर सकती है।
साहवा. कोरोना वायरस की इस वैश्विक महामारी के चलते केन्द्र व राज्य सरकार से सहायता पाने वाले ग्राहकों की संख्या इन दिनों जहां दिन प्रतिदिन बढती जा रही है, वहीं इन लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाने के लिए साहवा में एनसीसी केडैट, पुलिस व बैंक गार्ड सेवा दे रहे हंै। मंगलवार को एसबीआई शाखा प्रबंधक राजेशकुमार ने बताया कि एनसीसी केडैट रह चुकी साहवा की निशा सैनी २० दिनों से स्थानीय पुलिस की सहमति से सोशल डिस्टेंसिंग बना रही है। बैंक परिसर के आगे ग्राहकों की लाईनें बनवाने व उन्हे इसकी पालना करने की जानकारी देने में लगी रही हैं।महिला ग्राहकों को उनके विड्राल आदि भरवाने में भी सहयोग करने में लगी रहती है।
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