वहीं छेड़छाड़ व अपहरण के भी गत वर्ष 102 मामलों में से 63 मामले झूठे पाए गए। पुलिस सूत्रों की माने तो महिला उत्पीडऩ के मामलों में कई मामलों में दोनों पक्षों में समझौता हो जाता है। वहीं कई बार जमीन सहित आपसी रंजिश को लेकर भी छेड़छाड़ व बलात्कार जैसे मामले दर्ज करवा दिए जाते हैं। ताकि दूसरे पक्ष पर दबाव बनाया जा सके। पुलिस की माने तो यदि कोई झूठा मामला दर्ज करता है तो धारा 180 के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।इसमें छह माह की सजा व जुर्माने का भी प्रावधान है। अदालत में झूठा इस्तगासा पेश करने पर धारा 211 के तहत सजा या जुर्माने का भी प्रावधान है।
महिला उत्पीडऩ के मामले
वर्ष मामले झूठे
2019 942 457
2020 860 411
2021 924 444
वर्ष मामले झूठे
2019 942 457
2020 860 411
2021 924 444