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जर्जर हुए आवास, खतरे की आहट

locationचुरूPublished: Jan 24, 2018 11:40:35 pm

Submitted by:

Rakesh gotam

चूरू हाउसिंग बोर्ड में विभागीय अधिकारियों की अनदेखी कभी भी बड़े खतरे को न्यौता दे सकती है

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चूरू

चूरू हाउसिंग बोर्ड में विभागीय अधिकारियों की अनदेखी कभी भी बड़े खतरे को न्यौता दे सकती है। करोड़ों खर्च कर बनाए गए आवासों की सुध नहीं लेने से आवास प्रतिदिन क्षतिग्रस्त होते जा रहे हैं। हाउसिंग बोर्ड में कई आवास ऐसे हैं। जिन्हें आज तक आवंटित ही नहीं किया है। जो जर्जर होकर गिरने की कगार पर हंै। इसके अलावा कॉलोनी में कई मकान ऐेसे भी है, जिनमें लोग रहते हैं मगर हरदम खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हाउसिंग बोर्ड को इस गंभीर समस्या पर ध्यान देना चाहिए।
अब हो रहा पछतावा

हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी मेें रहने वाले लोगों ने बताया कि उन्हें आवास आवंटन करने के बाद हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। आवास के निर्माण में किस प्रकार सामग्री का उपयोग किया है। इसका भी ध्यान नहीं रखा गया।
तोड़कर मकान बनाए

लोगों ने बताया कि आवास आवंटन के चार-पांच वर्ष बाद ही आवास मरम्मत मांगने लगे। कई बार मरम्मत करवाई। आखिर में परेशान होकर पूरे मकान को तुड़वाकर वापस बनवाया है। अगर आवास निर्माण के समय सरकार व अधिकारी सतर्कता बरतते और निर्माण सामग्री अच्छी लगाते तो आवास इतने जल्दी मरम्मत नहीं मांगते।
दरवाजे तक उतार ले गए

हाउसिंग बोर्ड में कई मकान ऐसे हैं जिनके दरवाजे तक नहीं है। बारिश व धूप में कई आवासों के मुख्य दरवाजे टूट गए। वहीं कई आवासों के दरवाजे व खिड़कियां तोड़कर असामाजिक तत्व ले गए। यही नहीं लोग इन्हें क्षतिग्रस्त कर चले गए। जो किसी के काम नहीं आ सकते। कॉलोनी में आवंटित मकानों में रहने वाले युवकों ने बताया कि दिन के समय तो बाहर बैठकर काम निकाल लेते हैं। मगर रात के समय में कमरे में सोने से डर लगता है क्योंकि कमरे की छत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। छत में लगे सरिये (लेंटर) तक दिखने लगे हंै। विभाग में शिकायत का फायदा नहीं है।

आवास बनाने के बाद हाउसिंग बोर्ड ने इनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया। इसके चलते आवासों जर्जर स्थिति हो गई।
सोनू कुमार, कॉलोनीवासी


खुद के स्तर पर ही मरम्मत कराते है। मगर पांच वर्ष में मकान में मरम्मत आने लगे। मतलब घटिया सामग्री लगाई है।
हरिराम, कॉलोनीवासी

मकान जर्जर हो गया था। इसके चलते मकान को तुड़वाकर वापस बनवाया है। पहले अच्छी सामग्री नहीं लगाई थी। इससे घर एक दम से जर्जर हो गया था।
पुष्पा देवी, कॉलोनीवासी

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