जानकारों की माने तो इसके पीछे सरकार की ओर से निर्धारित टारगेट का खेल है। हालांकि हरियाणा निर्मित शराब पकडे जाने पर आबकारी विभाग को कोई गुरेज नहीं है, लेकिन पुलिस जब किसी व्यक्ति को राज्य निर्मित शराब को अवैध तरीके से बेचते हुए पकड़ती है तो परेशानी होती है। क्यों कि इससे विभाग के टारगेट प्रभावित हो जाते हैं। यहीं कारण है कि गांवों में जगह-जगह ब्रांचें खुल गई है। इसकी जानकारी होने के बावजूद भी विभाग की मौन स्वीकृति रहती है। इधर, सरकार की ओर से लगातार आबकारी नीति में बदलाव के कारण भी शराब विक्रेताओं में लाइसेंस के बजाए अवैध शराब बिक्री में मुनाफा अधिक होने से रुचि बढ़ गई है।
जिले की बात करें तो सादुलपुर की सीमा से हरियाणा की सीमा सटी हुई है, जहां से अवैध शराब के ट्रक चोरी-छिपे सीधे गुजरात पहुंच रहे हैं। पुलिस में नफरी कम होने से कच्चे रास्ते अवैध शराब ले जाने के लिए सुगम साबित हो रहे हैं। पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले तीन साल में अवैध शराब के कुल 1646 मामलों दर्ज कर 1487 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं आरोपियों के कब्जे से बड़ी संख्या ट्रक, जीप, कार, बाइक, मिनी बस, पिकअप, बस, स्कूटी भी जब्त की गई है। लेकिन इसके बावजूद भी धंधा लगातार जारी है।
कई बार भिडंत सूत्रों की माने तो अवैध शराब के कारोबार में लगे लोगों के बीच कई बार टकराव भी हो चुका है, भालेरी थाना इलाके शराब बिक्री के विवाद को लेकर तीन कारों में सवार होकर आए लोगों ने पिकअप सवारों पर फायरिंग कर दी। फायरिंग में पिकअप सवार दो जने गोली लगने से गंभीर घायल हो गए। पुलिस घायलों को इलाज के लिए राजकीय डीबी अस्पताल लेकर पहुंची। एक जना ब्रांच लगाकर शराब बेचने का काम करते था, शराब बेचने को लेकर पूर्व में विवाद हो गया था। दूसरे पक्ष के लोगों ने चार राउंड फायर किए। गोली लगने से दोनों घायल हो गए, आरोपियों से बचने के लिए पिकअप लेकर थाने में घुस गया था। वहीं सादुलपुर में अवैध शराब बेचने से मना करने पर कार में सवार होकर पहुंचे लोगों ने बस ऑपरेटर राजेन्द्र गढ़वाल पर अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी थी। इस संबंध में मृतक के बेटे अनिल कुमार ने मामला दर्ज कराया था। जिसमें बताया कि कपिल शर्मा व अनिल कुमार निवासी बेवड उनके घर के पास लंबोर जाने वाले रास्ते पर अवैध शराब बेच रहे थे। इसके लिए पिता राजेन्द्र गढ़वाल ने मना किया, इस बात की रंजिश को लेकर गोली मारकर हत्या कर दी।