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wine: गांवों की ये गलियां तस्करों के लिए बनी सेफ पैसेज

locationचुरूPublished: Mar 16, 2020 12:52:59 pm

Submitted by:

manish mishra

चूरू. खेप चोरी-छिपे पहुंच रही है, यह भी सत्य है।

wine: गांवों की ये गलियां तस्करों के लिए बनी सेफ पैसेज

wine: गांवों की ये गलियां तस्करों के लिए बनी सेफ पैसेज

चूरू. नशे से जुड़े हुए तस्करों को अब चूरू जिले के रास्ते भाने लगे हैं। पिछले दिनों शराब व डोडा पोस्त से जुड़े कई मामले सामने आए हैं, जिनमें यह तथ्य उजागर हुआ है। हालांकि पुलिस की मुस्तैदी के कारण मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए, लेकिन नशे की खेप चोरी-छिपे पहुंच रही है, यह भी सत्य है। पुलिस ने इस वर्ष की प्राथमिकताओं में नशे से जुड़े तस्करों के खिलाफ कार्रवाई को शामिल किया है।खास बात यह है कि नशे की तस्करी से जुड़े लोगों में गिरफ्तार अधिकांश युवा वर्ग है, जो समाज के लिए चिंता का विषय है। चूरू जिले की सीमा हरियाणा से जुड़ी होने के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में कारोबार तेजी से पनप रहा है। नफरी की समस्या को देखते हुए पुलिस मुख्यालय की ओर से निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाने की बात कही गई थी। ताकि आने-जाने वाले संदिग्धों पर निगरानी रखे जाने में आसानी हो।जानकारों की मानें, तो पंजाब व हरियाणा से सस्ते दामों पर लाई जा रही शराब का परिवहन जोरों पर है, लेकिन पिछले कुछ महीनों से डोडा-पोस्त की तस्करी बढ़ गई है। पुलिस से बचने के लिए तस्करों ने गांवों में नए रास्ते इजाद कर लिए हैं।शराब व डोडा मुख्य मार्गों से नहीं लाकर गांव की गलियों में परिवहन किया जा रहा है। ताकि पुलिस को इनकी भनक तक नहीं लग सके। हालांकि पुलिस ने कई जगहों पर चेक पोस्ट बना रखे हैं। पुलिस जिस तरह से मामलों की छानबीन करती है, उसी तरह से तस्कर वाहनों की पेट्रोलिंग कर मार्ग की स्थिति को बताते हैं। किसी प्रकार का अंदेशा होने पर किसी सुरक्षित स्थान पर माल को उतार लेते हैं।कच्चे-पक्के रास्ते बने सुगमसिधमुख के गांव घणाऊ, बास कांजण, तारानगर से हरियाणा सीमा तक तस्करों का आवागमन है। हमीरवास थानान्तर्गत सांखू, नेशल, एवं अन्य गांवों से कच्चे-पक्के रास्तों से हरियाणा सीमा तक पहुंचते हैं। हरियाणा से जालौर, गुजरात सहित अन्य प्रदेशों में अवैध शराब व डोडा पोस्त की तस्करी होती है। गश्त व नाकाबंदी के बावजूद गुप्त रास्तों से नशा जालौर, पंजाब, गुजरात, मध्यप्रदेश भेजा जा रहा है।इन मार्गों से होती है तस्करीसरदारशहर से पंजाब आने वाला नशा भानीपुर से होकर गांवों में गुजरते हुए सरदारशहर पहुंचता है। बाइपास से डूंगरगढ़ के रास्ते होते हुए बीकानेर फिर कच्चे रास्तों से गुजरात सप्लाई होता है। रतनगढ़ तहसील में सालासर से भूखरेडी, सीतसर, चारणवासी होते हुए फतेहपुर मार्ग सुगम है। सुजानगढ़ में एनएच से होते हुए गनोड़ा, मूंदडा, कानूता के पास मार्ग, इसके बाद वह वापस एनएच में शामिल हो जाते हैं। वहीं हरियाणा से गांव गोठ्या छोटी, सदाऊ, सूरतपुरा, न्यांगल, चुबकियाताल, घणाऊ, तारानगर, सरदारशहर तक व बहल, खैरू, छोटी-बडी वाया सादुलपुर से चूरू रास्ता लेते हैं। रामपुरा, बालाण, बेवड़ होते हुए नेशल सांखू, झुंझुनूं के रास्ते तस्करी होती है। सिधमुख के गांव गालड, रेजड़ी, रामसरा भी इनके लिए मुफीद साबित हो रहे हैं।
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