अंत में सभी सदस्यों को प्रतीक चिन्ह और शॉल देकर सम्मानित किया गया। आरओबी ( rob ) में तकनीकी दिक्कतों को नजरअंदाज करने, स्थानीय लोगों के आवागमन की जरूरत की अनदेखी करने जैसे मसलों के अलावा भी कई मामलों को लेकर अधिकारियों के रवैये पर सांसद राहुल कस्वां मुखर नजर आए। हालांकि, अधिकारियों की ओर से सीईओ रामस्वरूप चौहान और एडीएम नरेंद्र थौरी ने कई बार मामलों को संभाला और शिकायतों को दूर करवाने की बात कही।
राठौड़ ने उठाया बजट जारी न करने का मुद्दा
उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि 14 वित्त आयोग ने 1848 करोड़ की राशि दी थी, लेकिन राज्य सरकार ने मात्र 25 फीसदी पैसा ही रिलीज किया और वह भी अब तक जिला पंरिषद, पंचायत समितियों तक नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि वे केंद्रीय और राज्य वित्त आयोग का पैसा 48 घंटों में पंचायतों, पंचायत समितियों ( panchayat samiti ) के खातों में डलवाने की कार्रवाई करें। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव की अगले कुछ ही दिनों में आचार संहिता लगने की संभावनाओं को देखते हुए अधिकारी लंबित प्रस्तावों को स्वीकृत अथवा अस्वीकृत करते हुए उसका निस्तारण करें।
जिला प्रमुख ने जताया आभार
जिला प्रमुख हरलाल सहारण ने सभी सदस्यों का आभार जताते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि गत एक साल में मुझे हटाने की कोशिशों को देखते हुए भी जिस तरह सदस्यों ने साथ दिया और विकास कार्य गति पर रहे, उसके लिए सदस्य, अफसर और सभी साथी बधाई के पात्र हैं।
शहीद कमल के नाम पर स्कूल का नाम
हाल ही में जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए जवान साहवा के कमल कुमार ( Sahwa Saheed Kamal Kumar ) के नाम पर स्कूल का नाम रखे जाने के प्रस्ताव को अंतिम साधारण सभा ने मंजूरी दी। साथ ही ऐसे ही एक लंबित मामले में गौरी शर्मा के नाम पर भी स्कूल का नाम रखे जाने का प्रस्ताव पास हुआ। शहीद को दो मिनट मौन रह कर श्रद्धांजलि दी गई।
यह रहे मौजूद
उपप्रमुख सुरेंद्र स्वामी, सीईओ राम स्वरूप चौहान, एसीईओ डॉ. नरेंद्र थोरी, उप प्रमुख सुरेंद्र स्वामी, सतीश पूनिया, रतनगढ प्रधान गिरधारी बांगड़वा, जिला परिषद सदस्य संजू कस्वा, तिलोकाराम कस्वा, कुलदीप पूनिया, नरेश गोदारा, मोहन आर्य, भंवरी देवी, घासीराम मेघवाल, पीएचईडी एक्सईएन रामकुमार झाझडिय़ा, समाज कल्याण सहायक निदेशक अशफाक खान सहित प्रधानगण, जिला परिषद सदस्यगण, अधिकारी, जनप्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।