churu news- स्याणन डूंगरी: काली माता ने राक्षसों से की थी पांडवों की रक्षा
चुरूPublished: Jan 22, 2023 01:13:10 pm
चूरू. इतिहास को सही ढंग से टटोला जाए तो कई चीजे पुरानी यादों को ताजा कर देती है। ऐसा ही इतिहास स्यानण की डूंगरी का भी है। लोग बताते हैं कि यहां पर ठहरे पांडवों की रक्षा स्वयं काली माता ने राक्षसों से की थी। इसके बाद से ये तीर्थ स्थल जन-जन की आस्था का केन्द्र बन गया। कस्बे से 15 किलोमीटर दूरी पर रतनगढ रोड़ पर स्थित गांव खुड़ी के पास काली माता का मंदिर स्यानण डूंगरी माता के नाम से ख्यातनाम है।


churu news- स्याणन डूंगरी: काली माता ने राक्षसों से की थी पांडवों की रक्षा
रतनगढ़ रोड पर स्थित है स्याणन की डूंगरी
250 फीट से अधिक ऊंचाई, मंदिर तक पहुंचने के लिए 105 सीढियां बनवाई
चूरू. इतिहास को सही ढंग से टटोला जाए तो कई चीजे पुरानी यादों को ताजा कर देती है। ऐसा ही इतिहास स्यानण की डूंगरी का भी है। लोग बताते हैं कि यहां पर ठहरे पांडवों की रक्षा स्वयं काली माता ने राक्षसों से की थी। इसके बाद से ये तीर्थ स्थल जन-जन की आस्था का केन्द्र बन गया। कस्बे से 15 किलोमीटर दूरी पर रतनगढ रोड़ पर स्थित गांव खुड़ी के पास काली माता का मंदिर स्यानण डूंगरी माता के नाम से ख्यातनाम है। जहां पर प्रदेश के विभिन्न कौनों से श्रद्धालु मन्नत मांगने आते हैं। माता का मंदिर बडे- बड़े पत्थरों से चारों और से घिरा हुआ है। किवदंति है कि हजारों साल प्राचीन माता का मंदिर सभी भक्तों कि मनोकामना पूर्ण करने वाला है। मंदिर के चारों तरफ बड़े-बड़े पत्थर है, जिन पर प्राचीन काल कि कला के नमूने बने हुए है।
ठाकुर दुलेङ्क्षसह के अनुसार यहां पर पाण्डव यहां पर रूके हुए थे। जिन पर राक्षसों ने हमला कर दिया। इसके बाद पाण्डवों ने यहां पर काली माता कि पूजा की और माता को रिझाया जिसके बाद माता ने पाण्डवों की रक्षा की। स्यानण डूंगरी काली माता का मंदिर जमीन से 250 फीट से भी अधिक उंचाई पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए 105 सीढियों का निर्माण कराया गया। लेकिन श्रद्धालुओं के लिए माता के दर्शनों के आगे सीढिय़ों की चढ़ाई कोई मायने नहीं रखती है।