नए कांस्टेबलों का चेहरा नहीं पहचाने जाने से बदमाशों तक पुलिस के हाथ आसानी से पहुंच सकेंगे। फिलहाल इन्हें व्यवहारिक प्रशिक्षण के लिए शहर सहित ग्रामीण थानों सहित एसपी, एएसपी, सीओ आदि जगहों पर भेजा जाएगा। इस प्रशिक्षण को पूरा करने के बाद संभवतया 26 जनवरी तक जिले के विभिन्न थानों में इन्हें पोस्टिंग दे दी जाएगी। रिक्त पद भरने से दूसरे पुलिस कर्मियों पर कार्य का भार कम होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। पुलिस कर्मियों पर रोजमर्रा के कामों के अतिरिक्त ऑन लाइन काम भी बढ़ गया है। फिलहाल एक पुलिसकर्मी को थाने से लेकर कार्यालयों में चार व्यक्तियों का काम करना पड़ रहा है।
इसके साथ कभी वीआईपी मूवमेंट, मेला व चुनाव ड्यूटी, दंगा-फसाद, मुलजिम की तलाश में राज्य से बाहर जाना, एफआइआर की जांच, पीएचक्यू की ओर से मांगी प्रतिदिन की रिपोर्ट काम करने पड़ रहे हैं। इतना काम होने के बाद भी छुट्टी नहीं मिलने से स्वयं को तनाव ग्रस्त महसूस करते हैं।लेकिन नए कांस्टेबलों के आने से कुछ राहत मिलेगी।
50 और मिले तो काम हो तेज
पुलिस विभाग के अधिकारियों की माने तो फिलहाल जिले में कुल स्वीकृत नफरी 1713 है। फिलहाल एक एसपी, तीन एएसपी, सात सीओ, 13 सीआइ, 52 एसआइ, 86 एएसआइ व 330 हैड कांस्टेबल 1223 कांस्टेबल का जाप्ता है।जो कि जिले में बढ़ते अपराध व जनसंख्या को देखते हुए काफी कम है।कार्यालय व थाने चलाने के लिए 50 अधिकारी से लेकर कांस्टेबलों की आवश्यकता है।
इनका कहना है
प्रशिक्षण के बाद जिले को 104 नए कांस्टेबल मिल हैं, इन्हें व्यवहारिक प्रशिक्षण के लिए जिले के शहर व ग्रामीणों थानों सहित कार्यालयों में भेजा जाएगा। इस प्रशिक्षण को पूरा करने के बाद अलग-अलग जगह पोस्टिग दी जाएगी।
योगेन्द्र फौजदार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चूरू।