इसी तरह से थाना स्टाफ के अलावा हाल ही विष्णुदत्त किस-किस मामले के अनुसंधान से जुड़े थे और उन मामलों में कौन लोग शामिल है। इसके लिए लोगों के बयान लिए जा रहे हैं। डीजीपी भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि क्राइम ब्रांच के आइपीएस विकास शर्मा अनुसंधान कर रहे हैं। मामला गंभीर है, बारीकी से अनुसंधान किया जा रहा है। चार-पांच दिन में अनुसंधान पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
एसएचओ के एडवोकेट मित्र गोवर्धनसिंह ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर आत्महत्या मामले में गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विश्नोई की बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया। थानाधिकारी गत कई दिनों से प्रताडि़त थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उनको पुलिस थाने से बाहर नहीं जाने के भी आदेश दिए गए थे। बार-बार उन्हें तोडऩे की कोशिश की, लेकिन वे डरे नहीं।
गोवर्धनसिंह ने बताया कि विश्नोई ने अपने जवानों को लाइन हाजिर नहीं करने की हाथ जोड़कर अनेक मिन्नतें कीं तथा कानून व्यवस्था का वास्ता भी दिया। फिर भी उन पर रहम नहीं किया गया। बार-बार उनको नोटिस एवं चार्जशीट देने, धमकी देने के भी मामले हुए। यहां तक कि गश्त के दौरान लॉकडाउन की अवहेलना करने वालों को समझाना भी उनकी शिकायत बन गई। मन से वे टूट चुके थे तथा प्रताडि़त होकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
आरोप निराधार हैं : एसपी इन आरोपों पर एसपी तेजस्वनी गौतम का कहना है कि उनकी तरफ से किसी प्रकार का नोटिस या चार्जशीट नहीं दी गई है, यह बात सही नहीं है।
राजगढ़ थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई आत्महत्या मामले में जहां सियासी माहौल गर्माया हुआ है, वहीं सीबीआइ जांच की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। एडवोकेट गोवर्धनसिंह की ओर से सोशल मीडिया पर मामले में बिंदूवार चर्चा के साथ स्थानीय राजनेताओं एवं पुलिस के उच्चाधिकारियों पर जमकर आरोप जड़े गए। लगभग सवा घंटे से भी अधिक समय में इसे साढे पांच लाख लोगों ने देखा। यही नहीं, सीबीआइ से जांच की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर पोल भी चल रहा है।
सांसद का सीएम गहलोत को पत्र सीबीआई जांच की मांग को लेकर सांसद राहुल कस्वा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि मेरा स्पष्ट मत है कि राजस्थान की कोई जांच एजेन्सी इस मामले में न्याय करने में सक्षम नहीं हो पाएगी। परिजनों पर प्रशासनिक अधिकारियों ने न्यायिक जांच के लिए राजी होने का दबाव बनाया और परिजनों के आग्रह पर ही हमने धरना खत्म करने का निर्णय लिया।
सांसद ने पत्र में लिखा कि दिवंगत थानाधिकारी कई अनसुलझे सवाल छोड़कर चले गए हैं। जिनका जवाब ढूंढना और उनके परिजनों को न्याय दिलाना जरूरी है। उन्होंने जांच सीबीआइ को स्थानांतरित करने की मांग की है।
बसपा नेता मनोज न्यांगली ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले में सीबीआइ से जांच की मांग की है। बसपा एवं भाजपा नेताओं ने मामले में सुसाइड नोट में लिखे अनुसार उनको प्रताडि़त करने, दबाव बनाने सहित रोजनामचे की रपट का खुलासा करने की मांग की है।