चुरूPublished: Nov 15, 2023 11:10:01 am
Devendra Sashtari
धोरों की धरती कभी समृद्ध रही होगी। मगर, आज राजस्थान के सर्वाधिक पिछड़े जिलों की पंक्ति में अग्रणी चूरू से मानो समृद्धि रूठ गई हो। चूरू में न उद्योग है न कृषि, जमीन है पर जंगल नहीं, जंगल तो पानी नहीं, खेत है फसल नहीं, क्योंकि सिंचाई के लिए पानी नहीं है। चर्चा में कहा जा रहा था कि किसी भी क्षेत्र का विकास वहां की कृषि और उद्योग में निहित है। पिछड़ेपन का दंश झेल रहे चूरू को चाहिए औद्योगिक और कृषि क्रांति। क्योंकि इस क्रांति के बिना को विकास संभव ही नहीं है।
चूरू. धोरों की धरती कभी समृद्ध रही होगी। मगर, आज राजस्थान के सर्वाधिक पिछड़े जिलों की पंक्ति में अग्रणी चूरू से मानो समृद्धि रूठ गई हो। यह कहना है एडवोकेट्स का जो मंगलवार को पत्रिका के टॉक शो में राजस्थान विधानसभा चुनाव के मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे। मुद्दा था विकास का। लेकिन विकास किसका पर अभिभाषक कहते है कि चूरू में न उद्योग है न कृषि, जमीन है पर जंगल नहीं, जंगल तो पानी नहीं, खेत है फसल नहीं, क्योंकि सिंचाई के लिए पानी नहीं है। चर्चा में कहा जा रहा था कि किसी भी क्षेत्र का विकास वहां की कृषि और उद्योग में निहित है। इसलिए पिछड़ेपन का दंश झेल रहे चूरू को चाहिए औद्योगिक और कृषि क्रांति। क्योंकि इस क्रांति के बिना को विकास संभव ही नहीं है।