शहर में चार दिन से सर्वे कर रही सर्वे टीम के समानांतर पत्रिका टीम ने शहर में घूमकर स्वच्छता का जायजा लेकर जनता की राय जानी तो अधिकतर ने कहा, बीते महीनों में सफाई व्यवस्था को लेकर काम हुआ है। व्यवस्था में सुधार भी हुआ है। मगर ये सब कुछ दिनों का दिखावा है। सर्वे में ऊंची रैंकिंग आने के बाद हालात फिर वही ढाक के तीन पात वाले होने हैं। अनेक लोगों ने अपने क्षेत्र में लगे गंदगी के ढेर और टूटी नालियां दिखाते हुए परिषद को कोसा। कुल मिलाकर शहर में चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान से अनेक वार्डों की सफाई व्यवस्था में सुधार हुआ है। मगर अनेक क्षेत्र आज भी ऐसे हैं, जिनके लिए स्वच्छता अभियान हकीकत से दूर महज कागजी अफसाना बनकर रह गया है। पेश है शहर को स्वच्छ बनाने के परिषद के दावों की हकीकत को बयां करती पत्रिका की ग्राउंड रिपोर्ट।
वन विहार कॉलोनी, गंदे पानी की भरमार शहर की पोश कॉलोनी में शुमार वन विहार कॉलोनी के वाशिंदे टूटी सड़कों, बेतरतीब नालियों, गड्ढ़ों में एकत्रित गंदे पानी और आवार पशुओं की भरमार जैसी परेशानियों से जूझ रहे हैं। यहां आकाशवाणी कॉलोनी की दीवार के पास गड्ढ़ों में एकत्रित पानी परिषद के दावों की पोल खोल रहा है।
अग्रसेननगर व टाउन हॉल के पास जमा गंदा पानी अग्रसेन नगर स्थ्ति सभापति के मोहल्ले में भी सड़कों पर हर वक्त गंदा पानी बहता रहता है लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा। नगर परिषद कार्यालय से थोड़ी ही दूर स्थित टाउन हॉल के पास एक गली में लगे गंदगी के ढेरों में मुंह मारते आवारा पशु और गंदा पानी आस-पास के लोगों के लिए लंबे अर्से से नासूर बना हुआ है। मगर अब तक इस क्षेत्र की किसी ने सुध नहीं ली है।
जनता को नहीं मिल रही वो सुविधाएं, जो मिलनी चाहिए शहर में पिछले चार दिनों से विभिन्न चरणों में स्वच्छता का आकलन कर रही टीम के एक सर्वेयर से पत्रिका ने स्वच्छता के आकलन के बारे में पूछा तो उसने बताया कि हालांकि स्वच्छता पर शहर में काम हुआ है। मगर सर्वेक्षण के लिए तय बिंदुओं में से अब तक १० फीसदी काम शहर में नहीं हुआ है। जनता को जो सुविधाएं नगर परिषद को मुहैया करवानी चाहिए वो नहीं मिल पा रही हैं।
बंद पड़े हैं बॉयो डाइजेस्ट शौचालय स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होने से करीब दो महीने पहले लाखों रुपए खर्च कर रखे गए बायो डाइजेस्ट शौचालय की परिषद प्रशासन ने अब तक सुध नहीं ली है। कंपनी से हैंडओवर लेने के बाद अब तक अनेक शौचालयों में काम पूरा नहीं हुआ है। इन पर ताले लगे पड़े हैं। ऐसे में ये महज सर्वे टीम को दिखाकर रैंकिंग के नंबर बढ़ाने के शोपीस बनकर रह गए हैं। रेलवे स्टेशन, पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस व पंखा सर्किल के पास सहित अन्य जगहों पर रखे इन बंद पड़े शौचालयों के कोनों के पास लोग लघुशंका कर रहे हैं। जिससे आस-पास के एरिया में फैली गंदगी और दुर्गंध लोगों को बीमारियां बांट रही हैं।
”शहर में स्वच्छता के क्षेत्र में काफी अच्छा काम हुआ है। इसका असर देखने को मिला है। जनता स्वच्छता के प्रति जागरूक हुई है। हर वर्ग का अभियान में काफी सहयोग मिल रहा है। चूरू शहर स्वच्छता के ऊंचे पायदान पर होगा।”
विजयकुमार शर्मा, सभापति, नगर परिषद, चूरू
विजयकुमार शर्मा, सभापति, नगर परिषद, चूरू
”मैंने सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए अनेक सुझाव दिए थे। एक पर भी अमल नहीं किया गया। जबकि गंदगी फैलने के मुख्य कारणों का निस्तारण किए बिना चलाया जा रहा अभियान निरर्थक है। लाखों रुपए खर्च कर जनता को ***** बनाया जा रहा है।”
मो. हुसैन निर्बाण, नेता प्रतिपक्ष, नगर परिषद, चूरू ”हमारे वार्ड की गली में कभी सफाईनहीं होती। पार्षद को भी कई बार कह चुके। मगर कोई सुनवाई नहीं होती। इतना ही नहीं गढ़ के पास दुकान की नाली भी कचरे से अटी पड़ी है। कोई सुध नहीं लेता।”
चांद पटवा, गढ़ चौराहा
चांद पटवा, गढ़ चौराहा
”स्वच्छता अभियान शुरू होने के बाद सड़कों पर तो जरूर थोड़ी सफाई नजर आ रही है। बाकी नालों की सफाई व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ। मोहल्लों में गंदगी के ढेर लगे हैं।”
रामस्वरूप कुदाल, प्रतिभा नगर
रामस्वरूप कुदाल, प्रतिभा नगर
”’हमारे वार्ड में सात-आठ दिनों से एक दिन थोड़ी-बहुत सफाई होती है। इतने दिन तक जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। ऐसे में हमारे वार्ड के लिए ये स्वच्छता अभियान बेमानी है।”
अनिल दाधीच, वार्ड 41,चूरू
अनिल दाधीच, वार्ड 41,चूरू
”नगर परिषद की ओर से स्वच्छता अभियान की आड़ में स्वच्छता का प्रचार-प्रसार जोरशोर से किया जा रहा है। जबकि हकीकत में वार्डों में गंदगी के ढेर लगे पड़े हैं। कुछ वार्डों में सफाई कार्य करवाकर कत्र्तव्य की इतिश्री कर ली गई है।”
राधेश्याम चोटिया, वरिष्ठ कांग्रेसी
राधेश्याम चोटिया, वरिष्ठ कांग्रेसी