इस पर किसानों ने एसडीएम कार्यालय के आगे विरोध प्रदर्शन किया। जानकारी के अनुसार क्वालिटी लिमिटेड कंपनी ने सरकारी डेयरी से अधिक मूल्य देकर उत्पादकों से दूध खरीदा था। जो बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक गायब हो गई। जबकि पशु पालकों के ढाई करोड़ रुपए कंपनी पर बकाया चल रहे हैं। इसी कंपनी की ओर से मई माह में कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को ऋण भी वितरित किया गया था। इस अवसर पर फरसाराम, जगदीश प्रसाद, श्रवणकुमार, मालूराम, भागीरथ, विक्रमसिंह, सोहनलाल, ओमप्रकाश, राजूराम व शंकरलाल बड़ी संख्या में दुग्ध उत्पादक उपस्थित थे। दुग्ध उत्पादकों ने चेतावनी दी कि यदि उन्हें भुगतान नहीं दिलाया गया तो जिला मुख्यालय पर धरने के माध्यम से विरोध प्रदर्शन करेंगे।
कंपनी प्रतिनिधियों को पकडऩे की बजाय पुलिस ने पशु पालकों को पकड़ा कंपनी के भागने की सूचना मिलते ही काफी पशुपालक बुधवार को दुग्ध उत्पादक क्वालिटी लिमिटेड के आगे एकत्रित हो गए। यहां से वे रैली के रूप में उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पहुंचे। जहां पशुपालकों ने विरोध प्रदर्शन किया। एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर ढाई करोड़ का भुगतान दिलाने की मांग की। दुग्ध उत्पादकों ने पुलिस थाने को सूचना दी। दुग्ध उत्पादकों ने बताया कि रात को सूचना मिली की कंपनी के अधिकारी सामान लेकर जा रहे है तो वहां जाकर एक ट्रक को रोककर भी पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद भी पुलिस ने ट्रक व अधिकारियों को पकडऩे की बजाय दुग्ध उत्पादकों को पकड़ लिया। पुलिस की इस कार्रवाई से किसानों में भारी रोष व्याप्त है।
कई चेकों का नहीं हुआ भुगतान ऋण वितरण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल थे। किसानों को सब्जबाग दिखाकर कंपनी के अधिकारियों ने ऋण वितरण किया। जिसमें सैकड़ों किसानों को ऋण के चेक मंत्री मेघवाल के हाथों से दिलाए गए। इन चेकों को भुगतान कुछ ही लोगों को मिला। बाकी चेक कागज के टुकड़े साबित हुए।
तहसीलदार करेंगे जांच ”जिले में कंपनी की ओर से 80 केन्द्र बनाए गए थे, जिससे करीब एक हजार पशुपालक जुड़े हैं। उनके रुपए लेकर कंपनी प्रतिनिधि चले गए। मामले की जांच के लिए तहसीलदार को नियुक्त किया गया है।”
मीनू वर्मा, एसडीएम, सरदारशहरदुग्ध उत्पादन कम्पनी ने पहले केन्द्रीय राज्य मंत्री से