दोनों अध्यादेशों का एमएसपी से नहीं संबंध
राठौड़ ने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से पारित दोनों अध्यादेशों का एमएसपी से कोई संबंध नहीं है। 25 से लेकर 35 प्रतिशत तक बढ़ी एमएसपी से किसानों को लाभ होने वाला है।
बचकाने बयान अशोभनीय
राठौड़ ने प्रेस वार्ता में तारानगर विधायक नरेन्द्र बुडानिया की ओर से केन्द्र सरकार के अध्यादेश को काला कानून बताने पर कहा कि जिन विधायक को कानून का नाम ध्यान नहीं है, कानून में क्या प्रावधान किए गए हैं. इसकी जानकारी तक नहीं है, उनकी ओर से ऐसा बचकाना बयान शोभा नहीं देता है।
किसानों को मिलेगा लाभ
राठौड़ ने एमएसपी पर चर्चा करते बताया कि चूरू जिले में पिछली रबी की एमएसपी 4875 रुपए थी जो बढ़कर 51 सौ रुपए तक हो गई. जिससे किसानों को 225 रुपए का लाभ हुआ है। वहीं सरसों में पिछली एमएसपी 4425 थी जो बढ़कर 4650 हो गई। इसमें भी 225 रुपए की वृद्धि हुई है। इसी प्रकार गेहूं की एमएसपी में 50 रुपए की वृद्धि हुई है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि जिस कांग्रेस के घोषणा पत्र में इन विधेयकों को पारित कर एक देश एक कानून बनाने की बात की थी, वहीं कांग्रेस अब भाजपा की ओर से पारित किए किसान हित वाले बिल का विरोध करना चिंताजनक है। वर्ष 2003 में संविदा खेती लाने वाली सरकार ही इस कानून का विरोध कर रही है जो चिंताजनक है।
चूरू बना कोरोना का हॉट स्पॉट
राठौड़ ने चूरू जिला मुख्यालय पर बढ़ते कोरोना संक्रमितों को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि चूरू में एक हजार टेस्ट की प्रतिदिन की क्षमता है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। 48 घंटे बाद कोरोना की जांच रिपोर्ट आ रही है। यही नहीं जीवन रक्षक प्रणाली भी डिब्बों में बंद है। उन्होंने अघोषित बिजली कटौती को लेकर चिंता भी जताई।
चूरू को नहीं मिल रहा लाभ
राठौड़ ने पत्रकारों से कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से शुरू की गई प्रधानमंत्री अन्न कल्याण योजना में राज्य के चार करोड़ लोगों को इसका लाभ मिला। लेकिन दुर्भाग्य है कि चूरू जिले के जरूरतमंद लोग आज भी इससे वंचित है।