100 से नीचे टीडीएस का पानी सेहत के लिए नुकसानदायक
शहर में कई आरओ प्लांट वाले 70-90 तक टीडीएस का पानी बाजार में सप्लाई कर रहे हैं। यह सेहत के लिए नुकसानदायक है। पानी का टीडीएस 150 से ऊपर ही होना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्लांट के मैंटेनेंस और बिजली बिल, श्रमिकों का खर्चा आदि निकालना दूभर हो गया है। फैक्ट्रियां बंद, स्कूल बंद, इंस्टीट्यूट बंद, तो धंधा बंद। एक आरओ प्लांट के मलिक प्रभु सिंह ने बताया कि शहर में सभी कोचिंग संस्थान, स्कूल और अन्य ऑफिस बंद हो जाने से बोतलबंद पानी की बिक्री पर काफी खराब असर पड़ा। सप्लाई आधी से कम रह गई। पहले 10-15 कर्मचारी थे। अब खर्चों में कटौती करने के लिए तीन-चार श्रमिक ही काम कर रहे हैं।
पहले और अब आरओ प्लांट का गिरता ग्राफ
* शहर में कुल आरओ प्लांट- 50 से 60
* पहले होती थी सप्लाई- 5 से 6 हजार बोतल (प्रतिदिन)
* पहले काम करते कर्मचारी- 10-15 (प्रति प्लांट)
* पहले आता था बिजली का बिल- करीब 40 से 50 हजार रुपए (दो माह)
* लॉकडाउन के बाद की सप्लाई- 2 से ढाई हजार बोतल (प्रतिदिन)
* रोजगार में आई कमी- 3 से 4 श्रमिक (प्रति प्लांट)
* पानी की खपत रह गई 1000 से 1200 लीटर (प्रतिदिन)
* लॉकडाउन के बाद बिजली का बिल- 11-12 हजार रुपए (दो माह)