scriptCorona Fighter: 17 मार्च के बाद से बच्चा नहीं खेला गोद में…एक कर्मवीर ये भी | Corona Fighter: Child Has Not Played In The Lap Since March 17 | Patrika News
चुरू

Corona Fighter: 17 मार्च के बाद से बच्चा नहीं खेला गोद में…एक कर्मवीर ये भी

Corona Fighter: पिता का हाथ थामने का मन करता है। वीडियो कॉल कर मन हल्का कर लेते हैं। उन सबकी सुरक्षा का खयाल ही उनसे अलग रखे हुए है।

चुरूMay 10, 2020 / 09:21 am

Brijesh Singh

Corona Fighter: 17 मार्च के बाद से बच्चा नहीं खेला गोद में...एक कर्मवीर ये भी

Corona Fighter: 17 मार्च के बाद से बच्चा नहीं खेला गोद में…एक कर्मवीर ये भी

चूरू. चूरू के सबसे बड़े अस्पताल डीबीएच की डायलिसिस यूनिट के प्रभारी डॉ. अजित . गढ़वाल की मां दिल की मरीज हैं और पिता लकवाग्रस्त। एक साल का बेटा व पत्नी हैं, जिसे उन्होंने 17 मार्च को ही पीहर भेज दिया। बेटे को गोद में उठाने को जी चाहता है। पिता का हाथ थामने का मन करता है। वीडियो कॉल कर मन हल्का कर लेते हैं। उन सबकी सुरक्षा का खयाल ही उनसे अलग रखे हुए है। गौरतलब है कि डॉ. गढ़वाल तबलीगी जमात के कोरोना पॉजिटिव मिले मरीजों के वार्ड में ड्यूटी देने के चलते एक हफ्ते खुद भी आईसोलेट रहे। उसके बाद फिर से ड्यूटी संभाल ली।

…जब साथियों ने आगे बढ़ कर डबल ड्यूटी के लिए हां की
डॉ. अजित गढ़वाल बताते हैं कि कलक्टर साहब से चर्चा के बाद और अस्पताल में डायलिसिस मरीजों के बढ़ते दबाव को देखते हुए उन्होंने अपने टेक्निीशियन विजय और राजकिशोर गढ़वाल, सिस्टर सोसोमा केयू से चर्चा की, तो सभी ने कुछ ही पल सोचने के बाद डबल ड्यूटी के लिए हां कर दी। अब सुबह आठ से रात आठ बजे तक दो मशीनों से डायलिसिस हो रही है। तेतरा, मंडावा निवासी राजकिशोर और रामगढ़ निवासी विजय रोज ही गांव से चूरू आवागमन कर 12 घंटे ड्यूटी निभा रहे हैं। राजकिशोर झुंझुनूं के अस्पताल में काम करते थे, जिन्हें मरीजों का लोड बढऩे पर यहां तैनात किया गया।

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