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कोरोना की तीसरी लहर: आखिर कब तैयार होंगे जिले में ऑक्सीजन प्लांट

locationचुरूPublished: Sep 05, 2021 03:22:54 pm

Submitted by:

Madhusudan Sharma

कोरोना की दूसरी लहर भले ही आकर चली गई हो लेकिन संभावित तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य महकमा गंभीर नहीं है।

कोरोना की तीसरी लहर: आखिर कब तैयार होंगे जिले में ऑक्सीजन प्लांट

कोरोना की तीसरी लहर: आखिर कब तैयार होंगे जिले में ऑक्सीजन प्लांट

चूरू. कोरोना की दूसरी लहर भले ही आकर चली गई हो लेकिन संभावित तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य महकमा गंभीर नहीं है। हालांकि तीसरी लहर की हलचल शुरू हो गई है, ऐसे में अचानक यदि कोरोना के मामले बढ़ गए और प्राणवायु की जरूरत पड़ी तो सांसे फूल सकती है। कुछ ऐसे ही हालात से जूझ रहा है हमारा चूरू जिला। जी हां, संकट के इस दौर में राज्य सरकार के प्रतिनिधियों और भामाशाहों की ओर से चूरू जिले में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम शुरू किया। क्योंकि दूसरी लहर में हमने अपनों को प्राणवायु के अभाव में खोया है। अगर हालात फिर से बिगड़े तो सिस्टम की खामी कहीं फिर से जनता पर भारी ना पड़ जाए। इतना कुछ होते हुए देख स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी ऑक्सीजन प्लांट को लेकर गंभीर नहीं है। १०-१५ दिनों में प्लांट स्थापित करने के स्वास्थ्य विभाग के दावे भी खोखले साबित हो गए। गौरतलब है कि जिले में १० स्थान ऐसे हैं जहां पर अब भी कार्य प्रगति पर रहा है। पांच ऑक्सीजन प्लांटों से आपूर्ति की जा रही है। तीन प्लांट ऐसे हैं जो प्रक्रियाधीन है। जिनकी अनुमति मिलना बाकी है। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कोरोना की तीसरी लहर को लेकर कितने सतर्क हैं। चूरू जिले के लिए सबसे बड़ा उदाहरण ये है कि जिला मुख्यालय के भरतिया अस्पताल में ७२ लाख रूपए की लागत से चाइना से आयातित ऑक्सीजन संयंत्र महज ११ दिन में स्थापित किया गया था। ऐसे में अन्य प्लांट स्थापति क्यों नहीं करवाए गए। जनप्रतिनिधियों पर सवाल खड़े होते हैं। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी केवल सरकारी भाषा का इस्तेमाल कर बचने का प्रयास भले ही करते हों लेेकिन सही मायने में इनके पास भी प्लांट के निर्माण में देरी को लेकर कोई सटीक जवाब नहीं है। जिले के कुल प्लांटों की बात करें तो इनकी बेड क्षमता ५३० होती है।

नहीं मिला उत्तर
इस संबंध में सीएमएचओ से बात करने का प्रयास किया गया था लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिउत्तर नहीं मिला।

आप भी जाने कहां कितनी क्षमता का प्लांट व उसकी लागत
– चूूरू के भरतिया अस्पताल में ७२ लाख रुपए की लागत से ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण कर ऑक्सीजन सप्लाई शुरू कर दी गई है। बेड क्षमता करीब १८० है। डीआरडीओ मद से मेडिकल कॉलेज में बनने वाला प्लांट प्रक्रियाधीन है। डीएलबी की ओर से बनने वाले प्लांट का कार्य जारी है।
– सालासर में 50 बैड ऑक्सीजन प्लांट का काम जारी है, 1 करोड़ 22 लाख रुपये की लागत आएगी। 50 सिलेंडर की क्षमता
– रतननगर में 35 लाख रुपए की लागत से 50 बैड का प्लांट सीएचसी में स्थापित किया गया है। चालू होना शेष है।
– राजलदेसर में 50 बेड की क्षमता का प्लांट स्थापित होगा। लागत करीब 70 लाख रुपए है। अभी कार्य जारी है।
– सुजानगढ़ में प्लांट तैयार कर लिया है। क्षमता १३० बेड है। लेकिन कंपनी ने इस प्लांट को प्रमुख चिकित्सा अधिकारी के हैंडओवर नहीं किया है।
– बीदासर में ५० बेड की क्षमता का प्लांट का काम शुरू कर दिया गया है। कार्य जारी है।
– सादुलपुर में 50 बेड की क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट है। करीब ५० लाख रुपए की लागत
– छापर में 100 लीटर आक्सीजन क्षमता का प्लांट है। ३० बेड की क्षमता है। जिसकी अनुमानित लागत 25 लाख रुपए है।
– तारानगर में कस्बे के 75 बैड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में दो ऑक्सीजन गैस प्लांट स्वीकृत है। एक विधायक कोष से करीब 6 0 लाख रूपए की लागत से बनकर तैयार है। दूसरा प्लांट 1.22 करोड़ रूपए की लागत बनेगा। जिसका काम जारी है। जिसकी क्षमता 50 बेड है।
– रतनगढ़ के राजकीय अस्पताल में आपातकालीन वार्ड को मिलाकर बेड क्षमता 50 है। 50 ऑक्सीजन सिलेंडर क्षमता का प्लांट लगभग तैयार हो चुका है केवल ट्रायल शेष है।
– साहवा में मोहनीदेवी चाचान राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चाचान परिवार ने ४० बैड की क्षमता का नया ऑक्सीजन प्लॉंट स्थापित करवाया है। जिसकी लागत करीब १ करोड़ रुपए है।

इनका कहना है
ऑक्सीजन प्लांट को लेकर रिव्यू बैठक की है। इस संबंध में अधिकारियों से जानकारी मांगी है और उन्हें समय पर चालू करने के लिए निर्देशित किया गया है। ऑक्सीजन प्लांट को लेकर लगतार समीक्षा की जा रही है। उन्हे निर्देश दिए हैं।
सांवरमल वर्मा, जिला कलक्टर, चूरू

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