आचार्य महाश्रमण ने कहा कि संस्थान के कर्मचारी सेवाभाव एवं निष्ठा से कार्य करते रहें, इससे संस्थान निरन्तर विकास की ओर अग्रसर होगा। इसके बाद दूरस्थ शिक्षा निदेशालय का गुरूदेव ने अवलोकन किया जिसमें प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने प्रवेश सम्बन्धी, पाठ्यसामग्री सम्बन्धी, सत्रीय कार्य सम्बन्धी एवं परीक्षा सम्बन्धी कार्यों की जानकारी दी। संस्थान में स्थित अन्तर्राष्ट्रीय कार्यालय का भी अवलोकन किया। आचार्य ने संस्थान में कार्यरत समणियों की उपयोगिता का भी उल्लेख किया तथा कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ की कार्यशैली से प्रभावित होकर उन्हें आशीर्वाद भी दिया। इस अवसर पर जैन विश्व भारती के पूर्व अध्यक्ष धर्मचन्द लूंकड़, रमेश बोहरा एवं वर्तमान अध्यक्ष मनोज लूनिया, मंत्री प्रमोद बैद, संयुक्त मंत्री जीवनमल मालू, आचार्य महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष शान्तिलाल बरमेचा, संयोजक भागचन्द बरडिय़ा, कोषाध्यक्ष प्रकाश बैद आदि उपस्थित थे।