Gogaji ka Mela in Sadulpur Churu : सामाजिक समरस्ता के प्रतीक लोकदेवता गोगाजी महाराज ( Gogaji Maharaaj ) के मेले में बुधवार को ददरेवा गांव ( Dadrewa Village in Churu ) में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। मेले में श्रद्धालुओं ने दण्डवत् प्रणाम कर मंदिर पहुंचकर गोगाजी के दर्शन किए और मन्नतें मांगी। लोकगीत गाती महिलाएं एवं ढोल-नगाड़े बजाते पुरूष हाथों में निशान लेकर गोगाजी के जयकारों के साथ दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना करते नजर आए। ददरेवा चारों और लोकदेवता गोगाजी के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है। ढोल-बाटका की आवाज पर गोगा सांकली से सर पर वार करते हुए श्रद्धालु आकर्षकण का केन्द्र बने हुए हैं। श्रद्धालु गोगाजी के साथ गुरू गोरक्षनाथ की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं। इसके अलावा ऐतिहासिक तालाब पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी तथा तालाब में स्नान कर श्रद्धालु भक्तों ने अमन-शांति की कामना की। सरपंच रमेश खांडा ने बताया कि सफाई कार्य के साथ-साथ श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था की जा रही है।
पुख्ता पुलिस सुरक्षा व्यवस्था
मेले के अन्तर्गत पर्याप्त पुलिस सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पुलिस उपाधीक्षक महावीरप्रसाद शर्मा तथा थानाधिकारी नरेश निर्वाण पुलिस दल के साथ सुरक्षा व्यवस्थाओं की देखरेख में जुटे हैं।
ट्रेन पहुंची खचाखच
रेल प्रशासन की ओर से मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन हो रहा है। दिल्ली, रेवाड़ी से आने वाली ट्रेनों में भीड़ उमड़ी रही। वहीं रेलवे प्रशासन ने व्यवस्थाओं के लिए स्पेशल टीम लगाई है। स्पेशल टीम में शामिल कर्मचारी यात्रियों को सुरक्षा की हिदायत देने के साथ साथ संदिग्ध वस्तुओं की जानकारी देने एवं अनजान लोगोंं सेे बिस्किट, चाय आदि नहीं लेने तथा बिना टिकट यात्रा नहीं करने की जानकारी दे रहे हैं।
ढोल-नगाड़ों से गूंजा धाम
ददरेवा गांव में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली आदि से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। हाथों में निशान लिए एवं ढ़ोल-नगाड़ेे बजाते हुए गोगाजी की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की दुआ कर रहे हैं।
गूंजे लोकगीत
ददरेवा में जगह-जगह ग्रामीणों की टोलियां लोकगीत गाते हुए परम्परागत संस्कृति का निर्वहन कर रहे थे। बांसुरी और अलगोजे की थाप पर नाचते-गाते गोगा भक्त अलग-अलग टोलियां बनाकर लोकगीत गाते नजर आए।
गोगाजी में आस्था
यूपी, बिहार, दिल्ली आदि स्थानों से आने वाले श्रद्धालुओं में लोकदेवता गोगाजी के प्रति गहरी आस्था और लगाव है। ददरेवा में पहुंचने पर सबसे पहले ढाब तालाब में स्नान कर ढाब किनारे हिन्दू रीति-रिवाजों अनुसार गोगाजी की ज्योत लेकर पूजा करते हैं। बाद में गोरक्षनाथ के दर्शन करने के बाद गोगाजी के दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना करते है।
आज होगी अष्टमी की पूजा
मेले अन्तर्गत आने वाले श्रद्धालु शनिवार को अष्टमी के दिन लोक देवता गोगाजी की विशेष पूजा-अर्चना करेंगे तथा अष्टमी की पूजा के साथ ही प्रथम चरण का मेला समाप्त हो जाएगा। श्रद्धालु अष्टमी की पूजा के बाद गोगाजी समाधि-स्थल गोगामेड़ी पहुंचकर गोगानवमी की पूजा-अर्चना कर मन्नोतियां मांगेंगे।