scriptपंचदेव धाम में विराजे देवता, व्यवस्थाओं की कमी | Deities in Panchdev Dham, lack of arrangements | Patrika News

पंचदेव धाम में विराजे देवता, व्यवस्थाओं की कमी

locationचुरूPublished: Dec 06, 2020 09:51:08 am

Submitted by:

Madhusudan Sharma

मांगला गांव स्थित गोगाणा जोहड़ में बसे पंचदेव धाम में देवता आस्था व विश्वास का केन्द्र है। पुजारी ओमप्रकाश मंडावरिया सेवा कार्य में जुटे हैं।

पंचदेव धाम में विराजे देवता, व्यवस्थाओं की कमी

पंचदेव धाम में विराजे देवता, व्यवस्थाओं की कमी

सादुलपुर. मांगला गांव स्थित गोगाणा जोहड़ में बसे पंचदेव धाम में देवता आस्था व विश्वास का केन्द्र है। पुजारी ओमप्रकाश मंडावरिया सेवा कार्य में जुटे हैं। शहर से लगभग तीन किमी दूर जंगल में स्थित पंचदेव धाम में वर्षों से देवताओं की अखण्ड जोत चल रही है, लेकिन दुर्भाग्य है कि सालों से धाम में पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं का आज भी अभाव है। गांव से धाम तक एवं सादुलपुर से धाम तक प्रमुख रास्ता अतिक्रमण का शिकार है। यहां तक कि जीप भी सुविधा से मंदिर तक नहीं पहुंच सकती। पुजारी के अनुसार मंदिर में जाने के लिए पर्याप्त रास्ता भी नहीं है। प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पंचदेव धाम प्रांगण में मुख्य रूप से गुरु गोरक्षनाथ, गोगाजी, बालाजी, मां काली एवं भैरू के मंदिर है। जो साक्षात् लोगों के दु:खों का हरण कर खुशियां बरसाते हैं।
15 वर्ष पहले हुई थी मूर्ति स्थापना- यूं तो मंदिर 50 वर्ष पुराना हैं लेकिन स्व.नत्थूराम मंडावरिया ने अपने माता-पिता की प्रेरणा से 08 मार्च 2005 को गोरक्षनाथ महाराज की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करवाई। संत शिरोमणी रत्तिनाथ के सान्निध्य में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा हुई।
हर वर्ष भण्डारे
पुजारी ओमप्रकाश मंडावरिया ने बताया कि हर वर्ष भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की नवमी तथा शिवरात्रि को मंदिर प्रांगण में भव्य भण्डारे का आयोजन होता है तथा तारानगर तथा स्थानीय भजन-गायक कलाकारों की ओर से भव्य जागरण का आयोजन किया जाता है। लेकिन कोविड-19 के चलते इस वर्ष जागरण व अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं हो सका।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो