अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय आह्वान पर लामबंद हुए किसानों ने गुरुवार को संपूर्ण कर्जामाफी, स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने व फसलों के लाभकारीभाव देने की मांग को लेकर कलक्ट्रेट धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान हुई सभा में वक्ताओं ने सरकार विरोधी नारेबाजी कर आक्रोश जताया। सुबह 11 बजे शुरू हुई सभा के बाद दोपहर सवा दो बजे 278 से अधिक किसानों ने गिरफ्तारी दी। इस दौरान चूरू कोतवाली सहित अनेक थानों का पुलिस जाप्ता चाक-चौबंद रहा। बाद में मांगों को लेकर किए गए हस्ताक्षर कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल को लोकसभा अध्यक्ष के नाम सौंपे।
सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश कमेटी सदस्य एडवोकेटनिर्मल प्रजापत ने कहा कि सरकार विरोधी नीतियों के कारण आज कर्जदार किसान खेती करने की बजाय सड़क पर बैठकर आंदोलन करने को मजबूर है। प्रदेश महामंत्री छगन चौधरी ने कहा कि संपूर्णकर्जा माफी की मांग नहीं माने जाने तक किसान का संघर्षजारी रहेगा। जिला मंत्री उमराव सिंह ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के बारे में बताते हुए कहा कि सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी है। मगर किसान पीछे नहीं हटेगा। इंद्राज सिंह, चिमनाराम बनड़ा, जीवणराम मेघवाल व भगतसिंह आदि ने भी विचार व्यक्त किए। प्रदर्शन करने वालों में जिलेभर से आए किसान शामिल थे।
किसान की मर्जी के बिना बैंक नहीं काटेंगे सात हैक्टेयर से अधिक का बीमा प्रीमियम किसान सभा के प्रदेश कमेटी सदस्य निर्मल प्रजापत ने बताया कि कृषि विभाग के कमिश्नर विकास एस भाले ने फसल बीमा प्रीमियम को लेकर आदेश जारी किया है। आदेशों के मुताबिक अब कोईभी बैंक किसान का सात हैक्टेयर से अधिक भूमि का बीमा प्रीमियम नहीं काटेगा। किसान की सहमति से ही सात हैक्टेयर से अधिक भूमि का प्रीमियम काटा जाएगा।
जिले में किसान उक्त मांगों को लेकर कई दिनों से प्रदर्शन व आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं है। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।