scriptपोस्टमार्टम के वक्त डेड बॉडी के साथ इस डॉक्टर ने जो किया वो किसी डॉक्टर को नहीं करना चाहिए | Doctor Refused for Dead Body Postmortem in churu | Patrika News

पोस्टमार्टम के वक्त डेड बॉडी के साथ इस डॉक्टर ने जो किया वो किसी डॉक्टर को नहीं करना चाहिए

locationचुरूPublished: Nov 08, 2017 08:50:04 pm

Submitted by:

vishwanath saini

डॉक्टरों की हड़ताल का असर न केवल मरीजों पर पड़ रहा बल्कि चूरू में शवों के पोस्टमार्टम भी नहीं हो रहे।

churu Dead body
चूरू. डाक्टरों के कार्य बहिष्कार के कारण लगातार तीसरे दिन चिकित्सालयों में हालात दयनीय रहे। जिला अस्पताल में सरकार की ओर से तीसरे दिन पोस्टमार्टम के लिए दो डाक्टरों को लगाया गया। लेकिन जिस डाक्टर को लगाया वही शव देखकर घबरा गया और पोस्टमार्टम करने के लिए मना कर दिया। लेकिन अधीक्षक की कड़ी फटकार और कार्रवाई की हिदायत के बाद वह असिस्ट करने को तैयार हो गया। वहीं दूसरा डाक्टर मोबाइल स्विच ऑफ कर कहीं बैठ गया। लेकिन कार्रवाई के डर से बाद में दूसरा डाक्टर भी आ गया।
एक घंटे तक परिजन जोड़ते रहे हाथ
बीदासर के गांव ढिगारिया बस स्टैंड पर मंगलवार को हरियाणा के गांव आजाद नगर जिला भिवानी निवासी शिवपाल सिंह जाट की बस की टक्कर से मौत हो गई थी। शव को बीदासर की मोर्चरी में रखवा दिया गया था।
बुधवार को एसडीएम के निर्देश पर पोस्टमार्टम के लिए चूरू जिला अस्पताल भिजवा दिया गया। यहां परिजन शव लेकर करीब एक बजे पहुंचे। लेकिन डा. भुवनेशङ्क्षसह ने पोस्टमार्टम करने के लिए मना कर दिया तो परिजन रोने लगे। हाथ जोडकऱ विनती करते रहे लेकिन डां. सिंह तैयार नहीं हो रहे थे। इस मामले में जिला कलक्टर व निदेशालय को शिकायत की गई। बाद में कार्रवाई के डर से असिस्ट करने के लिए तैयार हुए। दो बजे अधीक्षक डा. जेएन खत्री के नेतृत्व में पोस्टमार्टम किया गया।
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पोस्टमार्टम के लिए दो डाक्टरों को लगाया
ज्ञातव्य हो कि जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए पीपीपी मोड पर संचालित लालासर पीएचसी के डा. भुवनेशङ्क्षसह व सोमासी पीएचसी के डाक्टर चन्द्रकांत हुड्डा को निदेशालय की ओर से लगाया गया है। लेकिन दोनों डाक्टरों की ओर से उक्त कार्य में रुचि नहीं लेेने के कारण एक बार प्रशासन के हाथ-पाव फूल गए। लेकिन कार्रवाई का शिकंजा कसता देख दोनों तैयार हो गए।

गिरता जा रहा ओपीडी व आईपीडी का ग्राफ
भरतिया अस्पताल में तीसरे दिन ओपीडी व आईपीडी का ग्राफ डाउन रहा। लेकिन डाक्टरों की कम संख्या के लिए दोपहर डेढ़ बजे तक ओपीडी में भीड़ लगी रही। कॉलेज का स्टाफ नियमित सेवा दे रहा है। यहां अब तक बाहर से चार डाक्टर लगा दिए गए हैं। तीसरे दिन करीब चार सौ मरीजों की ओपीडी कम रही।
भरतिया अस्पताल की स्थिति
ओपीडी 1116
आईपीडी 30
इसीजी 45
एक्स-रे 41
प्रोयगशाला जांच 111
प्रसव 15
ब्लड ट्रांसफ्यूज 06
आपरेशन 00

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