scriptअब नहीं बढ़ेगी डोली व कौशल्या के दिल की धड़कन | Doli and Kaushalya's heartbeat will not increase now | Patrika News

अब नहीं बढ़ेगी डोली व कौशल्या के दिल की धड़कन

locationचुरूPublished: Jul 24, 2020 12:31:37 pm

Submitted by:

Madhusudan Sharma

बच्चों के साथ खेलने की उम्र में 12 वर्षीय डाली के सपनों को दिल की बीमारी ने साकार होने से पहले ही रोक दिया। महज थोड़ी सी मेहनत के बाद ही डाली थककर चकनाचूर हो जाती।

अब नहीं बढ़ेगी डोली व कौशल्या के दिल की धड़कन

अब नहीं बढ़ेगी डोली व कौशल्या के दिल की धड़कन

चूरू. बच्चों के साथ खेलने की उम्र में 12 वर्षीय डाली के सपनों को दिल की बीमारी ने साकार होने से पहले ही रोक दिया। महज थोड़ी सी मेहनत के बाद ही डाली थककर चकनाचूर हो जाती। रतनगढ के भावनदेसर के खेतीहर श्रमिक परमाराम की बारह साल की बेटी डाली जब भी स्कूल मे खेलना कूदना चाहती तो दिल हांफ जाता, थकान महसूस होती थी। परिवार के सदस्यों ने सामान्य बीमारी मान कर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। आरसीएचओ डॉ. सुनील जांदू ने बताया कि गांव के राजकीय स्कूल में डाली छठीं कक्षा में पढ़ती हैं। गांव के स्कूल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत रतनगढ़ टीम के डॉ. प्रियंका की ओर से शिविर लगाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की गई। स्वास्थ्य जांच में डाली हृदय रोग की गंभीर बीमारी से ग्रसित पाई गई। टीम ने बालिका की जांच कर उसके परिवार के सदस्यों को अवगत करवाया। बाद में उसे चूरू के आरबीएसके टीम की ओर से बनाए गए डीआईसी सेंटर पर भेजा गया। डीआईसी प्रबंधक बिजेन्द्र भाटी ने चूरू के शिशु रोग विशेषज्ञ से बालिका डाली की ईको जांच करवाई गई। जांच में बालिका के हृदय रोग की पुष्टि हुई। इस मजदूर परिवार के लिए दिल का उपचार करवाना मुश्किल था। इस दौरान आरबीएसके के तहत बालिका का जयपुर के अपेक्स हास्पिटल में 22 जुलाई को नि:शुल्क हृदय रोग का उपचार करवाया गया। उपचार पर करीब डेढ़ लाख खर्चा हुआ, जिसे आरबीएसके की ओर से वहन किया गया। उपचार के बाद बालिका के पिता ने टीम के सदस्यों के साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का आभार जताया। चूरू जिले की आरबीएसके के तहत जुलाई माह में यह चौथी सर्जरी है। इधर हृदय रोग की शिकार कौशल्या अब पूरी तरह से सामान्य जीवन सकेगी। वह भी दूसरे बच्चों की तरह आसानी से खेल सकेगी। ये संभव हो पाया है आरबीएसके के तहत दिल के सफल ऑपरेशन से। जानकारी के मुताबिक रतनगढ़ तहसील के गांव पायली की निवासी कौशल्या के हृदय की बीमारी थी। बालिका के माता-पिता मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते थे। इस जरूरतमंद परिवार के पास जयपुर जाने तक के पैसे नहीं थे। चूरू से जिला प्रजनन एंव शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सुनील जांदू ने बताया कि पायली गांव में राजकीय विद्यालय में मोबाइल हैल्थ टीम की ओर से स्वास्थ्य परीक्षण टीम पहुंची। डॉक्टर संगीता सांगवान ने कौशल्या की जांच की तो उसमें हृदय रोग के लक्षण मिले। इस पर उन्होने चूरू स्थित डीईआईसी सेन्टर पर उच्च स्तरीय उपचार के लिए भेजा। जहां डीईआईसी मैनेजर बिजेन्द्र भाटी ने बच्ची को शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. ईकराम हुसैन को दिखाया। उन्होंने उच्च स्तरीय उपचार की आवश्यकता जताई। प्रकरण को जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी एवं आरबीएसके नोडल डॉक्टर सुनील जांदू के पास भेजा गया। उन्होंने बालिका को उपचार के लिए जयपुर रैफर कर दिया। जयपुर के दुर्लभजी अस्पताल में छात्रा का ऑपरेशन किया गया। जो सफल रहा। अब कौशल्या भी सामान्य तरीके से जीवन-यापन कर सकेगी। बालिका को जयपुर जाने में डॉ. सुरेश कुमावत ने आर्थिक सहयोग किया।

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