scriptलॉकडाउन से पहले चलती दर्जनभर ट्रेन, अब केवल चार | Dozens of trains running before the lockdown, now only four | Patrika News
चुरू

लॉकडाउन से पहले चलती दर्जनभर ट्रेन, अब केवल चार

मार्च 2019 में लॉक डाउन क्या लगा। लोगों के आवागमन में परेशानियां खड़ी हो गई। ये स्थिति अब तक कायम है। क्योंकि लंबे समय से सिधमुख का रेलवे स्टेशन वीरानी के साये में है।

चुरूOct 11, 2021 / 09:45 am

Madhusudan Sharma

लॉकडाउन से पहले चलती दर्जनभर ट्रेन, अब केवल चार

लॉकडाउन से पहले चलती दर्जनभर ट्रेन, अब केवल चार

चूरू. मार्च 2019 में लॉक डाउन क्या लगा। लोगों के आवागमन में परेशानियां खड़ी हो गई। ये स्थिति अब तक कायम है। क्योंकि लंबे समय से सिधमुख का रेलवे स्टेशन वीरानी के साये में है। कोरोनाकाल में लॉकडाउन से पहले यहां पर एक दर्जन से अधिक ट्रेनों का ठहराव किया जाता था। लेकिन धीरे-धीरे ट्रेनों में कटौती कर दी गई और आज स्थिति ये है कि केवल चार ट्रेन ही इस मार्ग से होकर गुजरती है। जानकारी के अनुसार लॉकडाउन से पहले प्रतिदिन 50 गांवों से सैकड़ों लोग यात्रा के लिए स्टेशन पर आया करते थे। मेले, त्योहार पर तो हजारों लोग नजर आते थे, लेकिन अब सब गौण हो गया है। सिधमुख रेलवे स्टेशन की दूरी सादुलपुर व भादरा रेलवे स्टेशनों से 35-35 किलोमीटर है। ये स्टेशन सादुलपुर-हनुमानगढ़ रेलवे रूट का एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है। लेकिन लॉकडाउन के बाद रेलवे प्रशासन की बेरुखी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। अब वर्तमान में केवल चार गाडिय़ां ही संचालित की जा रही है। इस संबंध में विभिन्न संगठनों व लोगों ने ट्रेनों के संचालन की मांग की, प्रदर्शन किया लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
अब केवल चार ट्रेनों का आवागमन व ठहराव
लोकडाऊन के बाद चार ट्रेनों का संचालन किया गया है। इनमें से केवल एक ट्रेन का ठहराव सिधमुख रेलवे स्टेशन पर किया जाता है। इस कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार कस्बे के रेलवे स्टेशन पर गाड़ी संख्या 04728 /04727 श्रीगंगानगर तिलक ब्रिज स्पेशल ट्रेन व गाड़ी संख्या 09707/09708 /09709 अमरापुर- अरावली महोत्सव स्पेशल ट्रेन का ठहराव नहीं किया जाता है। इन टे्रनों से यात्रा करने के लिए कस्बे के लोगों को सादुलपुर जाना पड़ता है। जानकारी के अनुसार यहां के लोगों के लिए रेल सुगम साधन था। यहां के लोग और व्यापारियों का संबंध देश के महानगरों से भी जुड़ा हुआ है। तहसील क्षेत्र से जुड़े हजारों लोग दिल्ली, मुम्बई, सूरत, अहमदाबाद, बंगलुरु, बीकानेर जयपुर आदि महानगरों और शहरों से जुड़े हुए हैं। वे यहां व्यावसायिक गतिविधियों के चलते आते-जाते रहते हैं। लेकिन ट्रेनों के नहीं चलने से अब परेशान हैं। यही नहीं यहां से मरीजों को जयपुर, बीकानेर ले जाने में भी परेशानी होती है।
सिधमुख में इन ट्रेनों का होता था ठहराव
– सिधमुख में गाड़ी सं 54768 तिलक ब्रिज-श्रीगंगानगर
– गाड़ी संख्या 04777 सादुलपुर से हनुमानगढ
-गाड़ी संख्या 05476 3 सादुलपुर से श्रीगंगानगर
– गाड़ी संख्या 04775 सादुलपुर से हनुमानगढ
– गाड़ी संख्या 5476 7 श्रीगंगानगर-तिलक ब्रिज
– गाड़ी संख्या 5476 4 श्रीगंगानगर से सादुलपुर
– गाड़ी संख्या 04776 हनुमानगढ़ से सादुलपुर
– गाड़ी संख्या 04778 हनुमानगढ़ से सादुलपुर

क्या कहते हैं ग्रामीण
&सिधमुख रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से इस क्षेत्र के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जयपुर, बीकानेर व अन्य जगहों पर कार्य करने वाले लोग, विद्यार्थियों के लिए असुविधा खड़ी हो गई है।
कृष्ण महला, सिधमुख
&रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव ना होने से लोगों को आवागमन में असुविधा हो रही है। निजी वाहनों में महंगे दाम देकर सफर करना मजबूरी हो गई है। यहां के लोगों को ट्रेन में जाने के लिए 35 किमी दूर जाना पड़ता है।
संजय खुडिया, सिधमुख
&पहले एक दर्जन ट्रेनों का ठहराव स्टेशन पर किया जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। इससे इस तहसील के 50 गांवों के लोग प्रभावित हो रहे हैं। रेलवे प्रशासन को ट्रेनों का ठहराव किया जाना चाहिए।
ओमप्रकाश जांगिड़, सिधमुख
&सादुलपुर जंक्शन से 04775, 04777 हनुमानगढ़ जंक्शन से 04776 , 04778 ये सवारी रेलगाड़ी बहुत ही आवश्यक थी जो बन्द है। इन ट्रेनों को फिर से शुरू किया जाना चाहिए।
राजेन्द्र सोनी, सिधमुख
&ट्रेनों के ठहराव के लिए बार-बार ज्ञापन के माध्यम से रेलवे प्रशासन से मांग की है। यदि ट्रेनो का ठहराव अतिशीघ्र नहीं होता है तो आन्दोलन किया जाएगा। रेलवे प्रशासन को ग्रामीणों की मांग पर ध्यान देना चाहिए। ट्रेनो के अभाव में 50 गांवों के लोग परेशान हैं।
महेंद्र सहारण, प्रदेश उपाध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन

Home / Churu / लॉकडाउन से पहले चलती दर्जनभर ट्रेन, अब केवल चार

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो