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आसमान में धूल का बवंडर

locationचुरूPublished: Jun 13, 2021 08:46:20 am

Submitted by:

Madhusudan Sharma

जिले में शनिवार दिनभर तपिश और आसमान के बरसे अंगारे के बीच शाम को करीब सात बजे अचानक मौसम बदला। पहले कुछ देर बादल छाए और उसके पीछे आई काली-पीली आंधी।

आसमान में धूल का बवंडर

आसमान में धूल का बवंडर

चूरू. जिले में शनिवार दिनभर तपिश और आसमान के बरसे अंगारे के बीच शाम को करीब सात बजे अचानक मौसम बदला। पहले कुछ देर बादल छाए और उसके पीछे आई काली-पीली आंधी। दूर से आए काली-पीली आंधी के गुबार को देखने के लिए लोग छतों पर पहुंच गए। आंधी से चारों ओर अंधेरा छा गया, घरों में धूल भर गई। आंधी ने मानो पूरे शहर को अपनी आगोश में ले लिया। धूल के गुबार से चारों तरफ मिटटी ही मिट्टी हो गई। गुबार देखकर लोग आश्चर्य चकित रह गए। लेकिन इसके साथ चली ठंडी हवा के कारण लोगों ने दिनभर पड़ी गर्मी से राहत की सांस ली। दिन में तेज धूप के कारण मौसम गर्म रहा। कूलर और पंखों की हवा भी असर नहीं कर रही थी। ऐसे में शाम को राहत मिली। आंधी के दौरान करीब एक घंटे बिजली गुल रही। इधर सिधमुख, रतनगढ़, सुजानगढ़, सांखूफोर्ट,सरदारशहर, सुजानगढ़, सादुलपुर, घांघू सहित अनेक जगहों पर आंधी का असर रहा। इसके बाद सिधमुख में बूंदाबांदी होने से लोगों को मिट्टी से राहत मिली। इधर मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम 43.6 और न्यूनतम तापमान 32.06 डिग्री सैल्सिसयस रिकॉर्ड किया गया।
घांघू. जेठ माह में तप रही तपन ने जन जीवन को गर्मी से बेहाल कर रखा है , प्रकृति के साथ ही पशु पक्षी , जीव जन्तु और मनुष्य गर्मी की तपिश से बेहाल है । शनीवार को भी सुबह नो बजे के बाद ही सूरज ने रौद्र रूप धारण कर लिया और गर्मी की आग बरसाना शुरु कर दिया । तेज तपन भरी गर्मी में कुलर व पंखे की हवा भी गर्म लू सी लग रही थी । दिन भर की तेज तपन भरी गर्मी के बाद शाम को बादल आए और फिर आई काली पीली आंधी जिससे अँधेरा छा गया और घरों में धुल का गुब्बार भर गया । काली पीली आंधी के साथ ठंडक भरी थी , जिससे मौसम ठण्डा जरुर हो गया जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली । आंधी से किसानों के खेतों में बोई फ़सल में जरुर नुकसान हुआ । आंधी से किसानों के खेतों की बाड़ भी उड़ गई । बुजुर्ग किसान खिंवाराम रेवाड़ ने बताया की अब काली पीली आंधियाँ कम आती हैं , रेवाड़ ने बताया की लगभग तीस बरस पहले गर्मियों में यह काली पीली आन्धियों शाम को अमूमन आया ही करती थी ।

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