scriptबीहड़ में पशुओं के लिए की चारे की व्यवस्था | Fodder arrangement for animals in the ravine | Patrika News

बीहड़ में पशुओं के लिए की चारे की व्यवस्था

locationचुरूPublished: Jun 13, 2021 09:58:32 am

Submitted by:

Madhusudan Sharma

राजस्थान पत्रिका में शनिवार को लीलकी बीहड़ में में चारे-पानी का संकट शीर्षक से प्रकाशित समाचार के बाद अनेक सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आगे आकर गोवंश को बचाने के लिए पशुचारे एवं पानी की व्यवस्था शुरू की है।

बीहड़ में पशुओं के लिए की चारे की व्यवस्था

बीहड़ में पशुओं के लिए की चारे की व्यवस्था

सादुलपुर. राजस्थान पत्रिका में शनिवार को लीलकी बीहड़ में में चारे-पानी का संकट शीर्षक से प्रकाशित समाचार के बाद अनेक सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आगे आकर गोवंश को बचाने के लिए पशुचारे एवं पानी की व्यवस्था शुरू की है। भाजपा युवा नेता विमल पूनिया एवं विहिप के प्रवीण सरदारपुरा ने बताया कि जब तक बारिश नहीं होगी, तब तक गौवंष को बचाने के लिए पशुचारे एवं पानी की व्यवस्था के लिए अभियान जारी रखेंगे। उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक लीलकी बीहड़ में विचरण करने वाले गौवंश पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ चारे-पानी की व्यवस्था का अभाव, तो दूसरी तरफ जंगली कुत्तों के आतंक का भी सामना करना पड़ रहा है। भीषण गर्मी जीव-जंतुओं पर कहर ढा रही है।
बीहड़ का किया अवलोकन
विमल पूनिया के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बीहड़ का अवलोकन किया। पूनिया ने बताया कि मु य रूप से समस्या चारे की है तथा भीषण गर्मी में घास सूख जाने के बाद पशुधन जब घास को खाता है, तो मिट्टी की मात्रा पशु के पेट में अधिक चली जाती है। जिसके कारण पशुओं की मौत हो जाती है। पशुओं को बचाने के लिए जनसहयोग से शनिवार को तीन जीप में चारा बीहड़ में पहुंचाया तथा वन अधिकारी संजीव कुमार ने पशुधन के लिए बीहड़ में बनाए गए 18 तालाबों में से पांच तालाबों को चिन्हित कर तालाबों में टैंकरों से पानी डालने की जिम्मेदारी ली है। पूनिया ने बताया कि जब तक बारिश नहीं होती, तब तक यह व्यवस्था चारे और पानी की जारी रहेगी।
गोशाला का अभाव
पूनिया ने बताया कि बीहड़ के आस-पास 13 गांव हैं। जिनमें गोशाला नहीं है। ऐसी स्थिति में गोवंश बचाना चुनौती है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के अनुसार भीषण गर्मी में लगातार गत कई दिनों से प्रतिदिन आठ से दस के बीच गौवंश की मौत हो रही है।
इन्होंने निभाई भागीदारी
विमल पूनिया सहित प्रवीण सरदारपुरा, कृष्ण भाकर, अजय पूनिया, नीलम पूनिया, मनोज मेहरा आदि ने भागीदारी निभाई है। वहीं विहिप के प्रवीण सरदारपुरा ने बताया कि एडवोकेट मनोज पचार एक पिकअप गाड़ी चारा तथा एडवोकेट अजीत पचार, डा.सुमन जाखड़, डा.विनोद जाखड़ ने संयुक्त रूप से एक जीप चारा तथा समाजसेवी नवीन रेपसवाल ने एक गाड़ी चारा गोवंश को बचाने के लिए प्रदान किया है।

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