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फायनेंस कंपनियों से रुपए ऐंठने के लिए निकाला ये तरीका

locationचुरूPublished: Feb 17, 2020 01:15:27 pm

Submitted by:

manish mishra

लाडनू. फाइनेंस कंपनी संचालक है।

फायनेंस कंपनियों से रुपए ऐंठने के लिए निकाला ये तरीका

फायनेंस कंपनियों से रुपए ऐंठने के लिए निकाला ये तरीका

लाडनू. लाडनूं तहसील के ग्राम निंबीजोधा में फर्जी फाइनेंस कंपनी चलाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी करने के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
डीडवाना पुलिस निरीक्षक जगदीश प्रसाद मीणा ने बताया कि 16 जनवरी को राकेश पुत्र मांगीलाल निवासी बल्दू ने इस्तगासा के जरिए बताया वह फाइनेंस कंपनी संचालक है।
उसका परिचय महेन्द्र खिचड़ नामक व्यक्ति से हुआ जो विनायक ऑटोमोबाइल निंबी जोधा में कार्य करता है। उसके साथ ही रामनारायण वह रामकरण से भी मुलाकात हुई। तीनों ने उसकी फाइनेंस से रणजीत खां पुत्र नानू खां निवासी रोडू के जरिए बाइक का फाइनेंस करवाया।
फाइनेंस की राशि उन्होंने महेन्द्र के खाते में यूटीआर नेफ्ट से भेजी थी। इसके बाद वापस रणजीत खां से किस्त के लिए कहने पर नहीं लौटाई।जानकारी में आया कि उसने एक अन्य फाइनेंस कंपनी से भी फाइनेंस करवा रखा था। रुपए मांगे तो उसने देने से इनकार कर दिया था।
जिला परिवहन अधिकारी डीडवाना, बीमा कंपनियां आदि से रिकॉर्ड प्राप्त कर जांच की गई। पुलिस ने महेन्द्र खिचड़ व उसके रिश्तेदार रामनारायण को शुक्रवार को गिरफ्तार किया।पूछताछ में बताया कि आरोपी महेंद्र खिचड़ वारदात में सहयोगी बनकर सभी काम सीताराम बनकर करता आया था। आरोपी महेंद्र खीचड़ उर्फ मनोज खिचड़ पुत्र राजूराम निंबीजोधा निवासी के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
सरदारशहर. थाने में सास, ससुर व ननद के खिलाफ छलकपट कर मुख्यमंत्री सहायता राशि हड़पने का मामला दर्ज हुआ है। पुलिस सूत्रों के अनुसार वार्ड 14 निवासी ममता ने मामला दर्ज कराया कि उसका विवाह वार्ड 14 निवासी राजकुमार उर्फ राजू सैनी पुत्र हीरालाल माली के साथ हुआ।
शादी के बाद उसके दो पुत्र हुए। 25 जून 2017 को सड़क दुर्घटना में उसके पति की मौत हो गई। इसके बाद ससुर हीरालाल, सास नानूदेवी व ननद संगीता ने छलकपट एवं फर्जी तरीके से उसके पति को अविवाहित बता कर मुख्यमंत्री सहायता कोष की राशि 50 हजार रुपए सास नानूदेवी के बचत खाते में जमा कर हड़प ली।
दुर्घटना बाबत क्लेम याचिका में नानूदेवी ने उसको पुत्र वधू स्वीकार किया है और उसके दोनों पुत्रों को वारिस बताया है। इस प्रकार इन लोगोंं ने फर्जी तरीके एवं छलकपट कर मुख्यमंत्री सहायता राशि हड़प ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

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