इससे पहले जवान सहदेव का पार्थिव शरीर सुबह राष्ट्रीय राजमार्ग-52 पर स्थित पहुंचा तो उपस्थित लोगों ने तिरंगा लहराकर एवं भारत जिंदाबाद नारों के साथ अपने लाडले की अगवानी की। सेना के ट्रक में रखी उनकी पार्थिव के आगे डीजे साउण्ड पर चलते देशभक्ति गीतों के बीच विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी व लोग हाथों में तिरंगा लेकर एवं मोटरसाइकिलों पर चल रहे थे। रास्ते में जगह- जगह पुष्पवर्षा की गई। गुलपुरा मोड़, रेलवे फाटक, सिधमुख मोड़ एवं अंबेडकर सर्किल के पास स्कूली विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने पुष्पवर्षा से जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की।
गांव में जैसे ही जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा तो गांव में शोक की लहर छा गई। जवान के घर में मातम छा गया। पत्नी व बच्चों का रो रोकर बुरा हाल हो गया। आसपड़ोस की महिलाओं ने जैसे तैसे परिवार की महिलाओं को संभाला तथा ढांढस बंधाया। गांव के लोगों ने भी परिजनों को सांत्वना दी।
मई में घर आए थे छुट्टी पर
परिजनों ने बताया कि जवान सहदेव माह मई में छुट्टी बिताकर घर से गया था एवं सोमवार सुबह सहदेव ने अपने बच्चों से फोन पर बात भी की थी। जवान सहदेवसिंह का हृदय गति रुकने ड्यूटी के दौरान मौत हो गई थी। गौरतलब है कि सहदेव का परिवार सेना से जुड़ा हुआ है। सहदेव के पिता दयानंद एवं दादा भी भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं।
इन्होंने दी श्रद्धांजलि
अंत्येष्ठि में बड़ी संख्या में लोगों ने शामिल होकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। विधायक डा.कृष्णा पूनिया, बसपा नेता मनोज न्यांगली, जयनारायण पूनिया, एसडीएम हिम्मत सिंह, उपजिला प्रमुख सुरेन्द्र स्वामी, भाजपा नेता महावीर पूनिया, सरपंच राजकुमार बेनीवाल, अशोक कुमार, हैदर अली, अमरपुरा धाम के महंत सुरेन्द्रसिंह राठौड़, शिक्षक संघ के मनोज पूनिया, भाजपा युवा नेता कृष्ण भाकर, कृष्ण जांगिड़, कोच वीरेन्द्र पूनिया, बलवीरसिंह सरपंच, सैनिक संघ के उम्मेद पूनिया, थानाधिकारी नरेश निर्वाण आदि ने जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की।