जाति के नाम पर दलित दूल्हे को घोड़ी से उतार देने का मामला सुना होगा। जाति विशेष के लोगों को कुएं पर पानी तक नहीं भरने देने की घटना भी अक्सर सामने आती रहती हैं। अब राजस्थान में एक अजीब ही मामला सामने आया है। एक गांव के अस्पताल में तैनात की गई नई नवेली नर्स ने तो जाति विशेष की महिलाओं के इंजेक्शन लगाने से ही इनकार कर दिया।
मामला नागौर जिले के लाडऩूं उपखण्ड के गांव सुनारी के उप स्वास्थ्य केंद्र का है। यहां कार्यरत एक जीएनएम को एससी/एसटी की महिलाओं के इंजेक्शन नहीं लगाने की बात कहना गुरुवार को भारी पड़ गया।
जानकारी के अनुसार जीएनएम मंजू ने गांव सुनारी के उप स्वास्थ्य केन्द्र में करीब चार पांच दिन पहले ही कार्यभार ग्रहण किया था। उक्त जीएनएम पर आरोप है कि उसने बुधवार को आशा सहयोगिनी से कहा कि वह एससी एसटी की महिलाओं को इंजेक्शन नहीं लगाएगी। यह बात गांव में फैल गई। गुरुवार सुबह एससी एसटी के लोग उप स्वास्थ्य केन्द्र में जमा हो गए। लोगों ने इसका विरोध जताना शुरू कर दिया।
सूचना पर बीसीएमओ डॉ. राकेश जैन मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने जीएनएम को वहां से हटाने की मांग की। इस पर बीसीएमओ ने ग्रामीणों से समझाइश कर जीएनएम को उपस्वास्थ्य केन्द्र से हटाकर बीसीएमओ कार्यालय में ड्यूटी देने के निर्देश दिए।
कुंड में डूबने से युवती की मौत
सादुलपुर. गांव लूदी खुबा में कुंड में डूबने से एक 18 वर्षीय युवती की मौत हो गई। विजय सिंह ने गुरुवार को मामला दर्ज करवाया कि उसकी 18 वर्षीय पुत्री सुनीता बुधवार दोपहर करीब दो बजे घर में बने पानी के कुंड से पानी निकालने के लिए गई थी। पानी निकालते समय उसका संतुलन बिगड़ गया तथा वह कुंड में गिर गई जिससे उसकी मौत हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तथा युवती का शव कुंड से बाहर निकलवाया।